मुंबई: अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने चेतावनी दी है कि अगर भारत सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन (बीपीसीएल) की हिस्सेदारी निजी क्षेत्र को बेचकर उसके निजीकरण के रास्ते पर आगे बढ़ती है तो वह कंपनी की रेटिंग घटाकर 'बीए-1' कर देगा. एक लोक उपक्रम के तौर पर इस समय बीपीसीएल की रेटिंग 'बीबीबी' है जो कि एक सरकारी रेटिंग के समान है. जबकि 'बीए-1' रेटिंग उसके मौजूदा ऋण आकलन की आधाररेखा के समान होगी यानी निचली रेटिंग होगी.


पिछले साल सरकार ने हिंदुस्तान पेट्रोलियम में अपनी पूरी हिस्सेदारी सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी को बेच दी थी. लेकिन इसके बावजूद हिंदुस्तान पेट्रोलियम की रेटिंग 'बीबीबी' बनी रही क्योंकि ओएनजीसी सरकार के मालिकाना हक के तहत है. मूडीज ने कहा प्रस्तावित हिस्सेदारी बिक्री से भारत पेट्रोलियम का बांड को तेजी से भुनाने और उसके जुड़ाव को समाप्त कर देगा जो कि उसकी साख के लिए नकारात्मक होगा. विनिवेश पर विचार के लिए बने सचिवों के एक समूह ने 30 सितंबर को बीपीसीएल में सरकार की 53.29 प्रतिशत की पूरी हिस्सेदारी बेचने को अनुमति दी है. हिस्सेदारी की यह बिक्री अगले साल 31 मार्च तक पूरी हो सकती है.


सरकार ने 30 सितंबर को एक अन्य फैसले में घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमतों में 12.5 प्रतिशत की कटौती करने की घोषणा की है. इस कटौती के बाद घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमत 3.23 डॉलर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल इकाई (एमएमबीटीयू) पर आ गयी जो पहले 3.69 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू थी. अप्रैल 2017 के बाद यह देश में गैस की कीमतों में पहली कटौती है.


इस बारे में मुडीज ने एक अलग नोट में कहा, ''गैस की कीमत में 12.5 प्रतिशत की कटौती से ओएनजीसी की आय में 1,460 करोड़ रुपये से अधिक की कमी आएगी. कीमतों का कम होना कंपनी के लिए उसकी साख के लिहाज से नकारात्मक है.''


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