पंजाब में सरकारी डॉक्टरों ने गैर-प्रैक्टिस भत्ता (Non-practice allowance) के मुद्दे पर राज्य सरकार की चुप्पी को लेकर आज से 14 जुलाई तक काम पर अनुपस्थित रहने का फैसला किया है. उन्होंने राज्य सरकार द्वारा अपने मुद्दे का समाधान नहीं किए जाने पर 19 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की भी धमकी दी है.


सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर पंजाब के छठे वित्त आयोग की उस सिफारिश का विरोध कर रहे हैं, जिसके जरिए गैर-प्रैक्टिस भत्ता को मूल वेतन से हटा कर दिया गया है. वे भत्ते को 25 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत करने की वेतन आयोग की सिफारिश का भी विरोध कर रहे हैं. स्वास्थ्य और पशु चिकित्सा सेवाओं का आज से 14 जुलाई तक बहिष्कार करने का फैसला संयुक्त सरकारी चिकित्सक समन्वय समिति (जेजीडीसीसी) ने लिया है. इसमें पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के सदस्य भी शामिल हैं.


हड़ताल से ओपीडी सहित स्वास्थ्य सेवाएं होंगी प्रभावित


हड़ताल से बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सहित स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी. इसके अलावा पशु चिकित्सा सेवाएं भी बंद रहेंगी. हालांकि, आपातकाली सेवाएं और कोविड से जुड़ी सेवाएं जारी रहेंगी. इस मुद्दे को लेकर सरकारी डॉक्टर तीन बार हड़ताल कर चुके हैं. गौरतलब है कि गैर-प्रैक्टिस भत्ता उन डॉक्टरों को दिया जाता है जो केंद्र या राज्य सरकार के स्वास्थ्य सेवा केंद्रों में काम कर रहे हैं. एक मेडिकल अधिकारी जो घर से प्रैक्टिस नहीं करना चाहता है, वह इस तरह के भत्ते की मांग कर सकता है. इस भत्ते को महंगाई भत्ता या आवास भत्ता के समान माना जाता है. इसकी राशि का हिसाब मूल वेतन और ‘ग्रेड पे’ के आधार पर लगाया जाता है.


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