ब्लैक फंगस के लिए एम्फोटेरिसिन बी दवा की उपलब्धता बढ़ाने की हर संभव कोशिश कर रही है सरकार- सूत्र
कोरोना की दूसरी लहर के साथ देशभर में ब्लैक फंगस से मरीजों के बढ़ते हुआ मामले परेशानी का सबब बने हुए है. ब्लैक फंगस के मरीजों की बढ़ती तादाद के अनुपात में दवाईयां और इंजेक्शन उपलब्ध न होने की शिकायतें देश के विभिन्न हिस्सों से देखने में आ रही है.
नई दिल्ली: भारत सरकार ब्लैक फंगस (म्यूकोर्मिकोसिस) से निपटने के लिए लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. इंजेक्शन का उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने 5 और कंपनियों को लाइसेंस दिया है जो ये बनाने में सक्षम है. ये जानकारी न्यूज एजेंसी एएनआई ने अपने सूत्रों से दी है.
भारत सरकार के सूत्रों से जानकारी मिली है कि पीएम मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि यह दवा दुनिया में कहीं से भी लाकर भारत में उपलब्ध कराई जाए. दुनियाभर में भारतीय अधिकारी इस दवा की आपूर्ति हासिल करने में लगे हुए हैं.
केंद्र ने राज्यों को भेजी एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की अतिरिक्त खेप
हाल ही में केंद्रीय उर्वरक और रसायन मंत्री सदानंद गौड़ा ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एम्फोटेरिसिन-बी के 19,420 अतिरिक्त वायल्स भेजे हैं. उम्मीद है कि इससे देशभर में ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज में काफी मदद मिलेगी. इससे पहले 21 मई को भी सरकार ने एम्फोटेरिसिन-बी के 23,680 वायल्स का आवंटन किया था.
एम्फोटेरिसिन-बी एक एंटी फंगल इंजेक्शन है, जिसे ब्लैक फंगस के इलाज में काफी कारगर माना जा रहा है. म्यूकोर्मिकोसिस एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन है जिसे बोलचाल की भाषा में ब्लैक फंगस के नाम से पहचाना जाता है. ये संक्रमण म्यूकर मोल्ड के संपर्क में आने से होता है जो आमतौर पर मिट्टी, पौधों, खाद और सड़ने वाले फलों और सब्जियों में पाया जाता है.
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