नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान हिंसा की घटनाओं को सरकार ने गंभीरता से लिया है. इन घटनाओं में प्रशासनिक चूक का पता लगाया जा रहा है. देश की राजधानी में हुए हिंसक प्रदर्शन से दिल्ली पुलिस की छवि पर असर पड़ा है. इन घटनाओं में किन किन स्तरों पर लापरवाही और चूक हुई है इसका पता लगाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं.


दिल्ली में जिस तरह से बीते चार दिनों में अलग अलग स्थानों पर हिंसा की घटनाएं हुई हैं उससे दिल्ली पुलिस के इंतजामों की पोल खोल गई है. जामिया में छात्रों पर लाठी चार्ज, प्रदर्शन के दौरान हिंसा और सरकारी संपति को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं को गंभीरता से लिया गया है. माना जा रहा है कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच में पुलिस की कार्यप्रणाली कार्रवाई के घेरे में आ सकती है. वहीं चर्चा है कि इन घटनाओं में खुफिया विभाग की चूक भी सामने आई है. समय रहते अगर इन घटनाओं को लेकर सूचनाएं मिल जाती तो काफी हद तक घटना पर काबू पाया जा सकता था.


जामिया में बीते शुक्रवार को ही विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे, इसके बाद शनिवार रात से प्रदर्शन ने हिंसक रुप ले लिया. इसके बाद रविवार को जामिया और उसके आसपास के इलाकों में हिंसा हुई. सोमवार को भी कई स्थानों पर ऐसी स्थिति देखी गई. मंगलवार को सीलमपुर में हिंसा की घटना सामने आई.