गिरते रुपये को थामने की कोशिश: सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई, हवाई यात्रा हो सकती है महंगी
सरकार ने इन उत्पादों पर जो आयात शुल्क बढ़ाया है उसके तहत कई उत्पादों पर ड्यूटी 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी गई है.
नई दिल्ली: डॉलर के मुक़ाबले रुपए की गिरती क़ीमत को थामने के लिए सरकार ने आज एक अहम फ़ैसला किया है. सरकार ने विदेशों से आयात होने वाले 19 सामानों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. इन सामानों में हवाई ईंधन भी शामिल है जिसपर आयात शुल्क 5 फ़ीसदी बढ़ा दिया गया है. हवाई ईंधन पर आयात शुल्क बढ़ने से आने वाले दिनों में हवाई यात्रा महंगी हो सकती है. नई दर 27 सितम्बर से लागू हो जाएगी.
बाहर से आने वाले एसी , फ्रिज और गहने होंगे महंगे कुल 19 सामानों पर आयात शुल्क बढ़ाने का फ़ैसला लिया गया है. इन सामानों पर आयात शुल्क 2.5 फीसदी से 5 फीसदी तक बढ़ाया गया है. बाहर से आने वाले एसी , फ्रिज और 10 किलो तक के वाशिंग मशीनों पर आयात शुल्क 10 फ़ीसदी से बढ़ाकर 20 फ़ीसदी कर दिया गया है. इसी तरह अलग अलग श्रेणियों के हीरों पर शुल्क वर्तमान के 5 फीसदी से बढ़ाकर 7.5 फ़ीसदी कर दिया गया है. अगर सोने चांदी से बने गहनों की बात करें इसपर आयात शुल्क को 15 फ़ीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने का निर्णय लिया गया है. हालांकि सोना पर भी आयात शुल्क बढ़ने की अटकलें थीं लेकिन उनमें कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है.
त्योहारों में हवाई यात्रा होगी महंगी इन 19 सामानों में हवाई ईंधन यानि एटीएफ भी शामिल है जिसपर आयात शुल्क लगाया गया है. फिलहाल हवाई ईंधन के आयात पर कोई शुल्क नहीं लगता है लेकिन अब इसपर 5 फ़ीसदी आयात शुल्क लगाने का फैसला हुआ है. जानकारों के मुताबिक इसका सीधा असर आने वाले त्योहारों के सीजन के दौरान हवाई यात्राओं पड़ सकता है और ये महंगी हो सकती है. दरअसल इस साल जनवरी से लेकर अगस्त तक हवाई ईंधन की कीमत में 20 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है ऐसे में 5 फ़ीसदी के अतिरिक्त शुल्क लगने से हवाई यात्रा महंगी होने की आशंका है.
डॉलर पर निर्भरता कम होगी सरकार के इस कदम का सीधा असर डॉलर के उपयोग पर पड़ेगा. असल में भारत में समान आयात करने के लिए डॉलर में कीमत चुकानी पड़ती है. मतलब आयात जितना ज्यादा होगा उतनी ज़्यादा डॉलर की ज़रूरत पड़ेगी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जिन 19 सामानों पर आयात शुल्क बढ़ाया गया है, 2017 - 18 के दौरान भारत में उनका कुल आयात 86000 करोड़ रुपयों यानि करीब 13 अरब डॉलर का हुआ था. सरकार को उम्मीद है कि आयात शुल्क बढ़ाने से इन सामानों का आयात कम होगा और डॉलर पर निर्भरता कम होगी. इतना ही नहीं बाहर से आने वाली चीजों पर शुल्क बढ़ाने से उनके मुक़ाबले घरेलू सामान सस्ती हो सकेंगी.
पीएम की बैठक में हुआ था फ़ैसला डॉलर के मुकाबले रुपए की गिरती कीमत से चिंतित पीएम मोदी ने 14 सितम्बर को एक बैठक ली थी जिसमें वित्त मंत्री अरुण जेटली और अधिकारियों के अलावा रिजर्व बैंक के गवर्नर भी शामिल हुए थे. उसी बैठक में कई फैसले लिए गए थे जिनमें कुछ सामानों पर आयात शुल्क बढ़ाना भी शामिल था. रुपए की गिरती कीमत से पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.