Indian Navy: समंदर में तैनात भारतीय नौसैनिकों (Indian Navy) के लिए सरकार ने रिस्क‌ एंड हार्डशिप अलाउंस (Risk And Hardship Allowance) यानि जोखिम और कठिनाइयों के लिए सी-गोइंग एलाउंस (भत्ते) के संशोधन को लागू कर दिया है. इस बाबत रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिया है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, जोखिम और कठिनाइयों के लिए सी-गोइंग अलाउंस के प्रतिपूरक भत्ते के संबंध में मौजूदा विसंगति को दूर करने के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है.  


इसके तहत हिंद महासागर और उसके बाहर देश के समुद्री हितों की रक्षा करते हुए उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों, एंटी-पायरेसी ऑपरेशन, समुद्री सुरक्षा और इंडिया-पाकिस्तान इंटरनेशनल मेरीटाइम बॉउंड्री लाइन यानि आईएमबीएल पेट्रोलिंग में ऑपरेशन के लिए तैनात नौसैनिकों के भत्ते को थलसेना और वायुसेना के 'रिस्क एंड हार्डशिप' अलाउंस के बराबर कर दिया गया हैं.  


नौसैनिकों के मनोबल में होगी बढ़ोतरी


रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस कदम से नौसैनिकों के संकल्प और मनोबल में बढ़ोतरी होगी. निर्णय की सराहना करते हुए, भारतीय नौसेना ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में हमारे वाइट-यूनिफॉर्म पहनने वाले पुरुषों और महिलाओं द्वारा प्रदान की गई सेवाओं का यह एक उपयुक्त सम्मान है. नौसैनिकों को हिंद महासागर और उसके बाहर देश के समुद्री हितों की रक्षा के लिए तैनात किया जाता है. 


रक्षा मंत्री ने की थी संशोधन की घोषणा


हालांकि, भारतीय नौसेना (Indian Navy) के अधिकारियों ने मौजूदा प्रतिशत से बढ़े हुए प्रतिशत या राशि पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. बता दें कि, इसी साल अप्रैल में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने भारतीय सेना के कर्मियों के जोखिम और कठिनाई भत्तों में संशोधन की घोषणा की थी. इसके लिए भारतीय सेना पिछले तीन साल से संघर्ष कर रही थी. 


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