एयर इंडिया को बेचने की कोशिश फिर शुरू, सरकार ने ओपन टेंडर के जरिए 17 मार्च तक मंगाए आवेदन
साल 2018 में भी सरकार एयर इंडिया को बेचने की कोशिश कर चुकी है लेकिन उस वक्त एक भी खरीदार नहीं मिला था. पिछले प्रयास में सरकार ने 76 फीसदी हिस्सेदारी ही बेचने का फैसाल किया था. माना जा रहा था कि इसी वजह से किसी खरीददार ने रुचि नहीं दिखाई.एयर इंडिया को साल 1932 में जेआरडी टाटा ने टाटा एयरलाइंस के नाम से लॉन्च किया था. 1946 में इसका नाम बदला गया और फिर साल 1953 में सरकार ने इसे अपने स्वामित्व में ले लिया.
नई दिल्ली: घाटे में चल रही सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया को बेचने की कोशिश फिर से शुरू हो गई हैं. सरकार ने एयर इंडिया को बेचने के लिए ओपन टेंडर का एलान किया है. सरकार एयर इंडिया में 100% शेयर बेचेगी. सरकारी टेंडर के मुताबिक ख़रीददारों को 17 मार्च तक आवेदन करना होगा.
खरीददार को मुंबई की एयर इंडिया बिल्डिंग नहीं मिलेगी. बोली लगाने की प्रक्रिया के बाद 31 मार्च तक शॉर्ट लिस्ट खरीददारों के सूचना दी जाएगी. एयर इंडिया के साथ ही सरकार एयर इंडिया एक्सप्रेस के भी 100 फीसदी और AISATS के 50 फीसदी शेयर बेचेगी. ये दोनों
बता दें कि साल 2018 में भी सरकार एयर इंडिया को बेचने की कोशिश कर चुकी है लेकिन उस वक्त एक भी खरीदार नहीं मिला था. पिछले प्रयास में सरकार ने 76 फीसदी ही बेचने का फैसाल किया था. माना जा रहा है कि उस वक्त एक भी खरीददार ना मिलने के कारण ही सरकार ने इस बार 100% हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव लेकर आयी है.
गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाले एक मंत्री समूह ने सात जनवरी को एयर इंडिया के निजीकरण से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. एयर इंडिया पर 80 हजार करोड़ रुपये का बकाया है. बता दें कि एयर इंडिया को साल 1932 में जेआरडी टाटा ने टाटा एयरलाइंस के नाम से लॉन्च किया था. 1946 में इसका नाम बदला गया और फिर साल 1953 में सरकार ने इसे अपने स्वामित्व में ले लिया.