नई दिल्लीः सरकार ने एयर इंडिया में अपनी 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए आशय पत्र (Expression of Interest or EOI) आमंत्रित किए है. भारी घाटे में चल रही इस विमानन कंपनी में सरकार का इरादा रणनीतिक विनिवेश का है जिसके बाद कंपनी का प्रबंधन निजी हाथों में आ जाएगा.


नागर विमानन मंत्रालय की ओर से जारी प्रस्ताव के मुताबिक, इच्छुक कंपनियां 14 मई तक अपना इरादा पेश कर सकती हैं. प्रस्तुत प्रस्तावों के आधार पर 28 मई तक योग्य बोली लगाने वालों का चयन किया जाएगा और फिर उन्हे बोली लगाने को कहा जाएगा. जिसकी बोली सबसे ऊंची होगी और जो तकनीकी रूप से सबसे ज्यादा सक्षम होगा, उसी को एयर इंडिया की कमान सौंपी जाएगी. उम्मीद है कि पहली अप्रैल से शुरु हो रहे नए कारोबारी साल 2018-19 में एयर इंडिया के विनिवेश का काम पूरा हो जाएगा. विनिवेश के बाद एयर इंडिया में सरकार की हिस्सेदारी घटकर 24 फीसदी रह जाएगी. आशय प्रस्ताव के मुताबिक कर्मचारियों की छटनी नहीं होगी और एयर इंडिया ब्रांड बना रहेगा.


एयर इंडिया को खरीदने के लिए टाटा समूह से लेकर इंडिगो और यहां तक कि कुछ विदेशी एय़रलाइन भी इच्छुक है. बीते दिनों विदेशी निवेश के नियमों में बदलाव करने के साथ ही एयर इंडिया में विदेशी एयरलाइन की ओर से हिस्सेदारी खरीदने का रास्ता साफ हो गया. ध्यान रहे कि मौजूदा नियमों के तहत एयर इंडिया समेत किसी भी घरेलू एयरलाइन में विदेशी एयरलाइन 49 फीसदी तक हिस्सेदारी ही ले सकते हैं.


हालांकि आशय पत्र मंगाने के ऐलान के साथ ही इस मामले को लेकर राजनीति तेज हो गयी है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक टविट कर अपना विरोध जताया. उन्होंने कहा कि वो इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध करती हैं. साथ ही उन्होंने इस प्रस्ताव को तुरंत वापस लिए जाने की मांग की. उन्होंने कहा, “सरकार को देश बेचने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए.” हालांकि सरकारी सूत्रों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस के इस विरोध का विनिवेश प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा.


एयर इंडिया अपनी सहयोगी कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ देश-विदेशी में उड़ानें मुहैया कराती है. विनिवेश की प्रक्रिया मे जहां निजी हाथों में एयर इंडिया की 76 फीसदी हिस्सेदारी के साथ प्रबंधन मिलेगा, वहीं एयर इंडिया की 100 फीसदी स्वामित्व माली एयर इंडिया एक्सप्रेस और एआईसैट्स मे 50 फीसदी हिस्सेदारी भी साथ-साथ मिलेंगे. दूसरी ओर एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज, एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज, एयरलाइन एलायड सर्विसेज और होटल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में एयर इंडिया की हिस्सेदारी को एक अलग इकाई में शामिल कर दिया जाएगा और वो इकाई विनिवेश की प्रक्रिया से बाहर रहेगी.


मौजूदा हाल


एयर इंडिया के बेड़े में इस समय 115 विमान हैं. देश भर में ये 93 शहरों के लिए हर हफ्ते 2330 उड़ानें मुहैया कराती है. साथ ही विदेशों में 39 जगहों के लिए हर हफ्ते 766 उड़ानें हैं. घरेलू बाजार में इसकी हिस्सेदारी 12.3 फीसदी है जबकि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के मामले में करीब 17 फीसदी. दूसरी ओर एयर इंडिया एक्सप्रेस 23 विमानों के जरिए हर हफ्ते देश में 16 और विदेश में 13 जगहों के लिए 555 उड़ाने मुहैया कराती है.


एय़र इंडिया वर्षों से घाटे में है. 2016-17 के अंत में कंपनी को 57,652 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था जबकि 2015-16 में ये रकम 38,368 करोड़ रुपये थी.