नई दिल्ली: रेलवे ने उन खबरों का खंडन किया है जिनमें कहा जा रहा था कि फेस्टिव सीजन के दौरान रेलवे यात्रियों से ज्यादा किराया वसूल रहा है. रेलवे का कहना है कि नियमों के मुताबिक फेस्टिव सीजन, गर्मियों के छुटियों जैसे पीक डिमांड के सीजन के दौरान चलने वाली स्पेशल ट्रेनों का किराया सामान्य ट्रेनों से अलग और ज्यादा होता है.


इससे पहले कांग्रेस ने त्यौहारों के समय भारतीय रेल की ओर से चलाई जाने वाली विशेष रेलगाड़ियों पर पहले के मुकाबले 25-30 फीसदी अधिक किराया वसूले जाने का आरोप लगाया था. कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि सरकार इस बढ़ोतरी को वापस ले और किराया कम करे ताकि इस चुनौतीपूर्ण समय में लोगों की जेब पर कम से कम बोझ पड़े.


पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह भी कहा कि जब देश में करोड़ों लोगों की नौकरियां और रोजगार खत्म हो गए हैं तो ऐसे में ज्यादा किराया वसूलना उचित नहीं है.


वल्लभ ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस संकट ने लोगों की आय को बहुत नुकसान पहुंचाया है और ऐसे में लोग त्यौहारों के समय कुछ खुशियां अपनों के साथ बांटने की कोशिश करेंगे. सरकार ने त्यौहारों के इस मौसम में जो 392 विशेष रेलगाड़ियां चलाईं हैं उन पर औसतन 25-30 फीसदी ज्यादा किराया वसूला जा रहा है.’’


त्योहारों के सीजन में रेलवे चला रहा है विशेष रेलगाड़ियां

उल्लेखनीय है कि भारतीय रेल त्योहारों के मद्देनजर 196 जोड़ी यानी 392 विशेष रेलगाड़ियां 20 अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच चला रही है.


पिछले दिनों रेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि त्यौहारों के मौसम में यात्रियों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए ये विशेष रेलगाड़ियां चलाने का फैसला किया गया है. ये रेलगाड़ियां कोलकाता, पटना, वाराणसी, लखनऊ आदि जैसे गंतव्यों के बीच चलेंगी ताकि दुर्गा पूजा, दशहरा, दिवाली, छठ पूजा पर लोग अपने घर पहुंच सकें.


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