नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र आज खत्म हो गया है. इस दौरान संसद में एससी-एसटी में संशोधन वाला बिल भी पास किया गया. लेकिन एक बार फिर तीन तलाक बिल संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में अटक गया. आज संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिन मोदी सरकार ने बिल को पेश करने की कोशिश की थी. हालांकि विपक्षी दलों की अलग-अलग राय होने के वजह से सरकार पीछे हट गई. बजट सत्र में भी तीन तलाक बिल पास नहीं हो सका था. बता दें कि राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है.


सभापति नायडू ने सदन को बताया कि उनके कमरे में विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक हुई थी जिसमें यह तय हुआ था कि आज सदन में लंच के बाद गैर कामकाज होगा. शाम पांच बजे के बाद सदन में दो सरकारी विधेयकों को चर्चा के वास्ते लिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि तीन तलाक संबंधी विधेयक पर आज सदन में चर्चा नहीं होगी. ग़ौरतलब है कि आज  राज्यसभा में बहस और पारित किए जाने वाले सरकारी विधेयकों में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक भी सूचीबद्ध था.


इस विधेयक को लोकसभा की मंजूरी मिल गई. लेकिन कल ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस विधेयक में तीन संशोधन करने को मंजूरी दी है. अगर राज्यसभा में इस विधेयक को सरकार के इन तीन संशोधनों के साथ पारित किया जाता है तो उसे फिर से लोकसभा की मंजूरी दिलवाने की जरूरत होगी.

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इससे पहले आज राज्यसभा में राफेल जेट विमान समझौते को लेकर जमकर हंगामा हुआ. हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. जैसे ही सदन फिर से कार्यवाही शुरू हुई सभापति एम.वेंकैया नायडू ने प्रश्नकाल शुरू किया. इस दौरान विपक्षी सदस्य फिर से खड़े हो गए और जोरदार तरीके से विभिन्न मुद्दों पर प्रदर्शन करने लगे. इसके बाद नायडू ने सदन को अपरान्ह 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. इससे पहले कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने अपने नोटिस के तहत राफेल समझौते का मुद्दा उठाया.

उपसभापति हरिवंश सिंह ने आनंद शर्मा को सूचित किया कि सभापति ने नोटिस को अस्वीकार कर दिया है, जिससे कांग्रेस सदस्य उत्तेजित हो गए. विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि फ्रांस के साथ हुआ राफेल समझौता सबसे बड़ा घोटाला है और इस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि संसद सत्रों को छोटा करके सरकार विपक्ष को प्रभावी तरीके से महत्वपूर्ण मुद्दों को रखने देने का मौका नहीं दे रही है.


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आजाद ने कहा, "विपक्ष के पास सिर्फ यही एक मंच है जहां सरकार से आमना-सामना करती है और मुद्दों को उठा सकती है. इसलिए, संसद सत्र लंबा होना चाहिए." संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि संसद सार्वजनिक महत्व के मुद्दों को उठाने की जगह है, निराधार आरोप लगाने के लिए नहीं. सरकार आज सदन की कार्यवाही में तीन तलाक विधेयक पेश करना चाहती है और आज की कार्यवाही में यह विधेयक सूचीबद्ध भी है.


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