Unemployment In India: केंद्र सरकार ने लोकसभा में बुधवार को बताया कि वर्ष 2014 से 2022 के दौरान केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में नियुक्ति के लिये 22.05 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए हैं और भर्ती एजेंसियों (Recritment Agencies) द्वारा 7.22 लाख अभ्यर्थियों की भर्ती (Employment) की अनुशंसा की गई है. लोकसभा में ए रेवंत रेड्डी (A Revanth Reddy)के प्रश्न के लिखित उत्तर में कार्मिक राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह (Dr Jitendra Singh) ने यह जानकारी दी है. ए रेवंत रेड्डी ने वर्ष 2014 से अब तक केंद्र सरकार (Central Government)के विभिन्न विभागों में स्थायी नौकरी (Employment)पाने वाले लोगों का ब्यौरा मांगा था, जिसके जवाब में केंद्र सरकार ने ये कहा है.


कैसे साल-दर-साल कम होती गईं नौकरियां


कार्मिक राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि वर्ष 2014 से अब तक केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में नियुक्ति के लिये भर्ती एजेंसियों द्वारा अनुशंसित अभ्यर्थियों की संख्या 7,22,311 है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 के बाद से अब तक 22,05,99,238 आवेदन प्राप्त हुए थे. सिंह द्वारा निचले सदन में पेश किये गए आंकड़ों के मुताबिक-


साल 2021-22 में 1,86,71,121 आवेदन मिले, 38,850 अभ्यर्थियों की भर्ती की अनुशंसा की गई.


साल 2020-21 में 1,80,01,469 आवेदन मिले, 78,555 अभ्यर्थियों की भर्ती की अनुशंसा की गई.


सा 2019-20 में 1,78,39,752 आवेदन मिले, 1,47,096 अभ्यर्थियों की भर्ती की अनुशंसा की गई.


साल 2018-19 में 5,09,36,479 आवेदन मिले, 38,100 अभ्यर्थियों की भर्ती की अनुशंसा की गई.


साल 2017-18 में 3,94,76,878 आवेदन मिले, 76,147 अभ्यर्थियों की भर्ती की अनुशंसा की गई.


साल 2016-17 में 2,28,99,612 अवदेन मिले, 1,01,333 अभ्यर्थियों की भर्ती की अनुशंसा की गई.


साल 2015-16 में 2,95,51,844 आवेदन मिले, 1,11,807 अभ्यर्थियों की भर्ती की अनुशंसा की गई.


और, साल 2014-15 में 2,32,22,083 आवेदन प्राप्त हुए, 1,30,423 अभ्यर्थियों की भर्ती की अनुशंसा की गई.




भारत में बढ़ती ही जा रही है बेरोजगारी दर


इस तरह से साल-दर-साल भारत में नौकरियां कम होती चली गईं. सेंटर फ़ॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के मुताबिक़, दिसंबर 2021 में भारत में बेरोज़गारी दर 7.9 प्रतिशत थी. ''2005 में 18 से 23 साल के क़रीब 15 प्रतिशत छात्र हायर एजुकेशन यानी कॉलेज में जा रहे थे, जो आज बढ़कर क़रीब 25 प्रतिशत हो गए हैं. दूसरी तरफ़ सरकारी नौकरियों में पिछले दो दशकों में लगातार कमी आई है.''


अंतिम आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2017-18 में बेरोज़गारी बीते 45 सालों में सबसे अधिक यानी 6.1% पर थी. एक रिसर्च के मुताबिक साल 2021 की शुरुआत से अब तक 2.5 करोड़ से अधिक लोग अपनी नौकरी गंवा चुके हैं और 7.5 करोड़ लोग ग़रीबी रेखा पर पहुंच चुके हैं, जिनमें 10 करोड़ मध्यम वर्ग का एक तिहाई शामिल है. आज हर साल देश की अर्थव्यवस्था को 2 करोड़ नौकरियां चाहिए, लेकिन भारत में बीते दशक में हर साल केवल 43 लाख नौकरियां ही पैदा हुईं हैं.


पीएम ने किया था नौकरी का वादा, विपक्ष ने कसा था तंज


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले डेढ़ साल में 10 लाख नौकरियां देने का ऐलान किया था और पीएम ने ट्वीट कर सभी विभागों और मंत्रालयों में अगले डेढ़ साल के दौरान 10 लाख लोगों की भर्ती करने का निर्देश दिए थे. पीएम की इस घोषणा पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि हर साल दो करोड़ नौकरी देने का वादा करने के बाद अब सरकार ने वर्ष 2024 तक सिर्फ 10 लाख नौकरी देने की बात की है.


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