त्योहारों से पहले प्याज के बढ़ते दाम से हरकत में सरकार, चीनी पर भी चौकन्नी
सितंबर में देश भर में दुर्गापुजा की धूम रहेगी तो अक्टूबर में दिपावली और छठ जैसे त्यौहार मनाए जाएंगे.
नई दिल्ली: सितंबर के आख़िरी हफ्ते से देश में त्योहारों का मौसम शुरू हो रहा है और इन त्योहारों से ठीक पहले खाने की कुछ वस्तुओं के दाम बढ़ने से सरकार की चिंता बढ़ गई है. खासकर प्याज़ के दाम में जिस तरह की उछाल देखने को मिली है उससे सरकार की नींद खुल गई है. इसके पहले कि प्याज़ लोगों के खाने का स्वाद बिगाड़े, सरकार हरकत में आ गई है.
राज्य तय करेंगे स्टाक की सीमा
खाद्य और उपभोक्ता मंत्रालय ने राज्यों को इस बात के लिए छूट देने का फ़ैसला किया है कि वो अपनी ज़रूरत के मुताबिक़ प्याज की स्टॉक सीमा तय कर सकें. इसके लिए ज़रूरी आदेश मंत्रालय ने 25 अगस्त को ही जारी कर दिया है. आदेश के बाद अब राज्य सरकारें प्याज़ की जमाखोरी और कालाबाज़ारी रोकने के साथ साथ मुनाफ़ाखोरों के खिलाफ भी कार्रवाई कर सकती हैं. स्टॉक की सीमा क्या होगी ये तय करने का अधिकार राज्यों के पास होगा.
प्याज के दाम में जबर्दस्त उछाल
दरअसल प्याज़ के दाम में पिछले एक महीने में उछाल देखने को मिला है. जहां एक महीने पहले इसकी औसतन क़ीमत 15 से 20 रूपये प्रति किलो थी, वहीं आज इसकी क़ीमत बढ़कर महानगरों में औसतन 40 रूपये प्रति किलो हो गई है. सरकारी आंकड़ों के ही मुताबिक़ प्याज इस वक्त दिल्ली में 38 रु प्रति किलो , मुंबई में 33 रु प्रति किलो, कोलकाता में 40 रु प्रति किलो और चेन्नई में 32 रु प्रति किलो की दर से बिक रहा है. देश के बाक़ी इलाक़ों में भी इसके दाम में इज़ाफ़ा हुआ है जहां ये औसतन 30 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है.
सरकार का मानना है कि इस साल प्याज का उत्पादन और बाज़ार में उसकी सप्लाई पिछले साल इस मौसम की तुलना में बेहतर है. ऐसे में सरकार इस नतीज़े पर पहुंची है कि दाम बढ़ाने के पीछे मुनाफ़ाख़ोरी और कालाबाज़ारी जैसे कारण प्रमुख हैं.
चीनी पर भी चौकन्नी सरकार
त्यौहारों के दौरान चीनी के दाम भी नियंत्रित रहे और मिठाई की मिठास बनी रहे, इसके लिए भी सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. सरकार ने सितंबर और अक्टूबर महीने के लिए चीनी मिलों पर चीनी की स्टॉक रखने की सीमा तय कर दी है. सरकार के निर्देश के मुताबिक़ सितंबर में जहां चीनी मिल अपने पास कुल उपलब्ध चीनी का 21 फ़ीसदी ही स्टॉक कर पाएंगे वहीं अक्टूबर में केवल 8 फ़ीसदी ही रख पाएंगे. फैसले के बाद बाजार में चीनी की पर्याप्त सप्लाई बने रहने की उम्मीद है.
इसके अलावा सरकार चीनी के आयात पर भी विचार कर रही है. एबीपी न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक़ सरकार फ़िलहाल 5 लाख टन अतिरिक्त चीनी आयात करने की भी योजना बना रही है.
चीनी की कमी नही
सरकार दावा कर रही है कि देश में चीनी की कोई कमी नहीं है. केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मंत्री राम विलास पासवान ने एक ट्वीट में कहा - " देश में घरेलू खपत के लिए चीनी की कोई कमी नहीं है ''
देश में घरेलू खपत के लिए चीनी की कोई कमी नहीं है।
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) August 29, 2017
लेकिन चीनी की क़ीमत पिछले कई महीनों से ख़ुदरा बाज़ार में 45 रुपये प्रति किलो बनी हुई है जिसके चलते सरकार कोई जोख़िम नहीं लेना चाहती.
सितंबर में देश भर में दुर्गापुजा की धूम रहेगी तो अक्टूबर में दिपावली और छठ जैसे त्यौहार मनाए जाएंगे.