इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क सिस्टम को मजबूत करने के लिए 'CoWIN' को लॉन्च करने की घोषणा की है. जिसका उपयोग एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किया जाएगा.
राष्ट्रीय स्तर पर कोविड वैक्सीन वितरण प्रणाली के लिए तंत्र को प्रभावी ढंग से तैयार करने के लिए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, “भारत के इनोवेटर्स ने कोविड के खिलाफ हमारी लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. मैं भारत भर में कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम से बाहर महत्वपूर्ण रोल के लिए CoWIN मंच को मजबूत करने के लिए इनोवेटर्स और स्टार्टअप्स को आमंत्रित करता हूं”
CoWIN एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जो राष्ट्रीय स्तर पर कोविड वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के लिए प्रभावी रूप से रोल आउट और स्केल अप करने के लिए उपयोग किया जाएगा.
इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रोध्योगिकी मंत्रालय के स्टार्ट अप पोर्टल पर, भारतीय तकनीकी स्टार्टअप स्पेस में सार्थक तालमेल बनाने की दिशा में मंत्रालय के साथ विकसित एक सहयोगी प्लेटफॉर्म है, इस नई चुनौती ने प्रतिभाशाली और इनोवेटिव स्टॉकअप और उभरते हुए प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों से भागीदारी के लिए कोविन मंच पर आमंत्रित किया है.
स्वस्थ मंत्रालय ने देश भर में पूर्ण और प्रभावी वैक्सीन वितरण प्रणाली और इसके निर्बाध क्रियान्वयन से जुड़ी संभावित सीमाओं को समग्र रूप से संबोधित करने के लिए, प्रौद्योगिकी विकास के सात फोकस क्षेत्रों की पहचान की है. ये चुनौतियां वास्तविक समय के आधार पर टीकाकरण के बाद किसी भी प्रतिकूल घटना के लिए बुनियादी ढांचे, निगरानी और प्रबंधन, गतिशील शिक्षण और सूचना प्रणाली, मानव संसाधन की बाधाओं, तकनीकी क्षमता, वैक्सीन प्रबंधन और ट्रैकिंग तथा लाभार्थियों से संबंधित प्राथमिकता क्षेत्रों को व्यापक रूप से संबोधित करने का प्रयास करती हैं.
चैलेंज 23 दिसंबर को https://meitystartuphub.in पर पंजीकरण प्रक्रिया के साथ शुरू किया गया है और प्रतिभागियों के लिए 15 जनवरी तक आवेदन करने के लिए खुला है. शीर्ष 5 आवेदकों को कॉविन एपीआई (एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) प्रदान किया जाएगा ताकि वे प्रभावशाली होने की पुष्टि कर सकें. इस मंच के साथ संभावित एकीकरण के लिए उनके समाधान भी ढूंढ सकने की व्यवस्था कर सके, इस चरण में प्रत्येक शॉर्टलिस्ट किए गए आवेदक को दो लाख रुपये जीतने का मौका मिलता है ताकि वे अपनी लॉजिस्टिक आवश्यकताओं को पूरा करते रहैं.
एक बार खुले एपीआई के माध्यम से मंच के साथ एकीकृत समाधान को मजबूती और मापनीयता के आधार पर मूल्यांकित किया जाएगा. चैलेंज में शीर्ष 2 प्रतियोगियों को रुपये 40 लाख और 20 लाख रुपए से पुरस्कृत किया जाएगा.