दिल्ली-एनसीआर में मोबाइल चोरी पर लगेगी लगाम, लॉन्च हुई ये विशेष सुविधा
डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम ने सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर दिल्ली-एनसीआर के लिए लॉन्च कर दिया है. इसके लिए ग्राहकों को पुलिस कंप्लेंट की कॉपी अटैच करनी होगी और अपना आईडेंटिटी प्रूफ देना होगा.
नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में आए दिन मोबाइल चोरी की घटनाएं सामने आती हैं. अब इन घटनाओं पर बड़े पैमाने पर लगाम लगने जा रही है. डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम ने दिल्ली-एनसीआर के मोबाइल ग्राहकों के लिए विशेष सुविधा लॉन्च की है. इस सुविधा के तहत अगर किसी ग्राहक का मोबाइल फोन चोरी हो जाता है या गुम हो जाता है तो वह अपने मोबाइल फोन को एक वेबसाइट पर जाकर ब्लॉक कर सकते हैं. फिर यह मोबाइल देशभर में किसी भी टेलीकॉम सर्कल में और किसी भी टेलीकॉम ऑपरेटर के नेटवर्क पर काम नहीं करेगा. इसके चलते सरकार को उम्मीद है कि मोबाइल चोरी की घटनाओं पर बड़े पैमाने पर लगाम लग सकेगी.
सीईआईआर से होगा मुमकिन
डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम ने सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर दिल्ली-एनसीआर के लिए लॉन्च कर दिया है. इसके तहत दिल्ली एनसीआर के 5.36 करोड़ मोबाइल ग्राहकों को फायदा होगा. यह सेवा फिलहाल मुंबई के बाद दिल्ली-एनसीआर के मोबाइल ग्राहकों के लिए लॉन्च की गई है. इस मौके पर टेलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस सेवा के चलते राजधानी दिल्ली और एनसीआर के मोबाइल ग्राहकों को फायदा होगा. इस मौके पर टेलीकॉम सचिव अंशु प्रकाश ने बताया कि ग्राहक www.Ceir.gov.in पर जाकर अपने मोबाइल फोन के गुमशुदा होने या चोरी होने की दशा में अपने फोन को ब्लॉक कर सकते हैं. इसके लिए ग्राहकों को पुलिस कंप्लेंट की कॉपी अटैच करनी होगी और अपना आईडेंटिटी प्रूफ देना होगा.
टेलीकॉम सचिव ने बताया कि देशभर के किसी भी कोने में अगर ग्राहक का मोबाइल इस्तेमाल किया जा रहा होगा तो उसकी लोकेशन मालूम चल सकेगी जिसके जरिए पुलिस उस मोबाइल तक आसानी से पहुंच सकती है. ऐसे में उम्मीद है कि मोबाइल चोरी होने की बड़े पैमाने पर जो घटनाएं होती हैं उसमें कमी आएगी. उन्होंने बताया कि सालाना दिल्ली में लगभग 40,000 फोन या तो खो जाते हैं या फिर चोरी होते हैं. हमें उम्मीद है कि इस सेवा के लॉन्च होने के बाद इस संख्या में भारी कमी आएगी. सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर कि अगर हम बात करें तो इसमें सबसे पहले मुंबई को शामिल किया गया था जहां पर अभी तक 309 शिकायतें दर्ज कराई गई हैं. इसमें से 142 मोबाइल फोन ट्रेस किए जा चुके हैं.
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