नई दिल्ली: सरकार आगामी एक फरवरी को पेश होने वाले साल 2019-20 के बजट में कृषि ऋण के लक्ष्य को लगभग 10 प्रतिशत बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपये कर सकती है. सूत्रों के माध्यम से यह जानकारी सामने आई है. चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार ने 11 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण का लक्ष्य निर्धारित किया है. सूत्रों ने बताया, "सरकार हर साल कृषि क्षेत्र के लिए ऋण लक्ष्य बढ़ा रही है.


इस बार भी साल 2019-20 के लिए लक्ष्य को लगभग 10 प्रतिशत यानी करीब एक लाख करोड़ रुपये बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपये किये जाने की संभावना है." उन्होंने कहा कि हाल के सालों में प्रत्येक वित्त वर्ष में कृषि ऋण का प्रवाह लक्ष्य से अधिक रहा है. उदाहरण के लिए, वर्ष 2017-18 में किसानों को 11.68 लाख करोड़ रुपये का ऋण दिया गया था, जो उस वर्ष के लिए निर्धारित 10 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य से काफी अधिक था.


इसी तरह, वित्त वर्ष 2016-17 में 10.66 लाख करोड़ रुपये के फसली ऋणों का वितरण किया गया, जो इससे पिछले साल के 9 लाख करोड़ रुपये के ऋण वितरण करने के लक्ष्य से कहीं अधिक था. उच्च कृषि उत्पादन प्राप्त करने में कर्ज एक महत्वपूर्ण लागत तत्व है. सूत्रों ने कहा कि संस्थागत ऋण मिलने पर किसानों को गैर संस्थागत स्रोतों से कर्ज नहीं लेना पड़ता. इससे उन्हें मनमाने ब्याज से भी छुटकारा मिलता है.


आमतौर पर कृषि ऋण पर नौ प्रतिशत का ब्याज लगता है. हालांकि, सरकार कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने और सस्ता अल्पकालिक कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए ब्याज सहायता प्रदान कर रही है. सरकार किसानों को सात प्रतिशत सलाना की प्रभावी दर पर तीन लाख रुपये तक का अल्पकालिक कृषि ऋण सुनिश्चित कराने के लिए दो प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी देती है.


किसानों द्वारा समय पर कर्ज भुगतान की स्थिति में तीन प्रतिशत का अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाता है. इस तरह प्रभावी ब्याज दर चार प्रतिशत रह जाती है.


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