नई दिल्ली: सरकार देश के सुरक्षा हालत पर पूर्व रक्षा मंत्रियों को ब्रीफ़ करने के बाद एक बार फिर विपक्ष को संतुष्ट करने कोशिश में जुट गयी है. अबकि बार सरकार कोरोना के मोर्चे पर विपक्ष के सवालों के जवाब देगी. इसके लिए संसद सत्र के अतिरिक्त विपक्ष की सभी पार्टियों के संसदीय दल के नेताओं के सामने पूरी तस्वीर एक प्रजेंटेशन के ज़रिए रखेगी. इस मौक़े पर स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी प्रधानमंत्री की मौजूदगी में प्रजेंटेशन रखेंगे.
विपक्ष के साथ ये बैठक मंगलवार शाम 6 बजे होगी. बैठक संसद की पार्लियामेंट्री अनेक्सी बिल्डिंग में होगी. इस बैठक में राज्य सभा और लोकसभा के सभी फ़्लोर लीडर्स यानी विपक्ष की तमाम पार्टियों के संसदीय दल के नेता शामिल होंगे. हालांकि सरकार में शामिल एनडीए नेताओं को भी इस बैठक में आमंत्रित किया गया है. सरकार कोरोना के वर्तमान हालात और उसकी शुरुआत से लेकर, पहली और दूसरी लहर और सम्भावित तीसरी लहर की तैयारियों को लेकर भी तस्वीर तमाम नेताओं के सामने रखेगी.
क़ोरोना पर प्रेज़ेंटेशन के मौक़े पर सरकार की तरफ़ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल मौजूद रहेंगे. सरकार इस बार नए अवतार में दिख रही है, देश के बाहरी और भीतरी मुद्दों पर विपक्ष और तमाम दलों को साथ लेने और संतुष्ट करने की कोशिश करती नज़र आ रही है.
गौरतलब है संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले 16 जुलाई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व रक्षा मंत्रियों एके एंटनी और शरद पवार के साथ बैठक की थी. सूत्रों के मुताबिक, दोनों पूर्व रक्षा मंत्रियों को चीफ ऑफ सूत्रों ने कहा कि दोनों पूर्व रक्षा मंत्रियों के सीमा के हालात को लेकर कुछ शंकाएं और उनके कुछ सवाल थे. इस वजह से सरकार ने दोनों को जानकारी देने का फैसला किया. हालांकि ऐसी परम्परा भी रही है कि विपक्ष को सरकार देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भरोसे में लेती रही है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में उनकी शंकाओं को सेना प्रमुख नरवणे और सीडीएस जनरल विपिन रावत ने ने दूर किया.