नई दिल्ली: स्वराज इंडिया ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार काला धन से निपटने के लिए अपने आधे मन से किए जा रहे प्रयासों से जनता को गुमराह कर रही है और अवैध धन को सफेद करने में राजनैतिक दल वाहक के तौर पर काम कर रहे हैं.
आप के पूर्व नेताओं प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के नेतृत्व वाले नए राजनैतिक दल ने कहा कि काला धन की चुनौतियों से निपटने में एनडीए की सरकार पूर्ववर्ती सरकार की तरह समान रूप से अगंभीर है.
मध्य दिल्ली में इस मुद्दे पर एक रैली में पार्टी ने आरोप लगाया कि केंद्र अपने आधे मन से किए जा रहे प्रयासों से जनता को गुमराह कर रहा है और हकीकत यह है कि कालाधन के खिलाफ चल रही मौजूदा कार्यवाही राजनैतिक दलों द्वारा संरक्षित है. कालेधन को 10 सिर वाला रावण बताते हुए योगेन्द्र यादव ने कहा कि नोटबंदी से सिर्फ एक सिर हटेगा और इसे खत्म करने के लिए इसकी नाभि राजनैतिक भ्रष्टाचार पर हमला करना होगा.
स्वराज इंडिया ने राजनैतिक दलों से 30 दिसंबर तक की गई नकदी की घोषणा को सार्वजनिक करने और इसकी विशेष ऑडिट की मांग की.
स्वराज अभियान के अध्यक्ष प्रशांत भूषण ने कहा, ‘‘मैंने जुलाई 2014 में कालाधन पर अंकुश लगाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों का सुझाव देते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था. कोई भी कदम उठाने के बजाय भ्रष्टाचार और काले धन को रोकने वाले मौजूदा कानूनों और संस्थानों को कमजोर किया जा रहा है.’’