NPS: अगर बुढ़ापे में चैन की जिंदगी जीना चाहते हैं तो ये पेंशन स्कीम है फायदेमंद
रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित राशि हर महीने नहीं आए तो जीवन चलना बड़ा मुश्किल हो जाता है. ऐसे में भारत सरकार की नेशनल पेंशन स्कीम से जुड़कर सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी अपना भविष्य सुरक्षित करा सकते हैं.
पेंशन स्कीम: जीवन में रिटायरमेंट के बाद एक बेहतर जिंदगी जीने के लिए जरूरी है कि एक निश्चित राशि प्रति माह मिलती रहे. इसके लिए भारत सरकार ने 2014 में नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) लॉन्च किया था. इस स्कीम के तहत सरकारी और प्राइवेट दोनों ही क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी पेंशन सेवा का लाभ उठा सकते हैं. जब 2004 में एनपीएस सेवा की शुरुआत की गई थी तो उस समय इसमें सिर्फ सरकारी नौकरी करने वाले लोगों को शामिल किया गया था, लेकिन 2009 में इसे प्राइवेट सेक्टर के लिए खोल दिया गया. इस पेंशन स्कीम में 18 से 60 के कोई भी कर्मचारी अपनी मर्जी से शामिल हो सकते हैं. अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के जरिए भी इस सेवा का लाभ उठाया जा सकता है.
एनपीएस में कैसे खुलता है खाता-
देश के किसी भी सरकारी और प्राइवेट बैंक में इसका खाता ओपन करवाया जा सकता है. इस पेंशन स्कीम में दो तरह के अकाउंट खोला जाता है, जिसे टियर 1 और टियर 2 कहा जाता है. इसके तहत खाता खुलवाने पर 12 अंकों का एक परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर दिया जाता है. इस नंबर की मदद से भविष्य में इस स्कीम के सारे काम होते हैं.
टियर 1 और टियर 2 अकाउंट को समझें-
टियर 1 अकाउंट में जमा की गई राशि रिटायरमेंट यानी 60 साल से पहले नहीं निकाली जा सकती है. वहीं, टियर 2 अकाउंट में को कोई भी व्यक्ति ओपन कर सकता है और कभी भी पैसे जमा और निकाल सकता है. यह अकाउंट सभी के लिए जरूरी नहीं है.
कम-से-कम कितनी राशि जमा कर सकते हैं-
पेंशन स्कीम के टियर 1 अकाउंट में मिनिमम 500 रुपए और टियर 2 अकाउंट में न्यूनतम 1000 रुपए जमा करने पड़ते हैं. इस स्कीम में अधिकतम रुपए जमा करने की कोई सीमा नहीं है. टियर 1 खाते में सलाना न्यूनतम 6000 रुपए और टियर 2 खाते में सलाना कम-से-कम 2 हजार रुपए जमा करने की अनिवार्यता है.
इनकम टैक्स की भी होगी बचत-
इस पेंशन सेवा का लाभ उठाने के लिए खर्च किए गए पैसे पर कर्मचारियों को टैक्स छूट का भी लाभ मिलता है. इस स्कीम में कर्मचारी अपनी कुल आय का 10 फीसदी हिस्सा ही खर्च कर सकते हैं और इसी पर उन्हें 80 सी के तहत कर छूट का लाभ मिलेगा. प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी इस स्कीम में कितना भी पैसा लगा सकते हैं लेकिन उन्हें भी टैक्स छूट कुल आय के 10 फीसदी रकम पर ही मिलेगी.
कितना मिलेगा पेंशन-
इस स्कीम में कितना पेंशन मिलेगा ये इस बात पर निर्भर करता है कि कर्मचारी ने 60 साल तक की उम्र तक कितनी रकम अपने परमानेंट रिटायरमेंट खाते में जमा कराई है. 60 साल के बाद कर्मचारी जितनी अधिक राशि की एन्युटी खरीदते हैं उतना ही उन्हें अधिक पेंशन प्रति माह मिलता है. एन्युटी इस बात पर निर्भर करता है कि इस खाते में कुल जमा रकम कितनी है.
60 साल से पहले भी निकाल सकते हैं पैसा-
इस स्कीम के तहत ऐसा नहीं है कि 60 साल से पहले पैसा नहीं निकाला जा सकता है. किसी आवश्यक स्थिति में कर्मचारी कुल जमा का 20 फीसदी रकम निकाल सकते हैं और उन्हें जरूरी रूप से 80 फीसदी राशि की एन्युटी खरीदनी होगी. 60 से पहले मौत होने पर नॉमिनी को पूरी पेंशन वेल्थ दे दी जाती है.
रिटायरमेंट के बाद कितना मिलेगा पैसा-
नेशनल पेंशन स्कीम में अगर कोई कर्मचारी 30 वर्ष की आयु में जुड़ता है और वह हर महीने 2500 रुपए इसमें जमा करते हैं तो वह 10 प्रतिशत के रिटर्न के साथ 60 साल तक 57 लाख रुपए जमा कर लेते हैं. इस स्कीम के तहत कर्मचारियों को 40 फीसदी कुल जमा राशि का एन्युटी खरीदनी होती है. इसे खरीदने के बाद बचा हुआ पैसा कर्मचारियों को लंप सम अमाउंट के तौर पर मिल जाएगा. ऐसे में अगर कर्मचारी 50 फीसदी राशि का एन्युटी खरीदते हैं तो उन्हें 28 लाख से अधिक की राशि रिटायरमेंट के समय मिल जाएगी.
पेंशन कितनी मिलेगी-
आपने ऊपर के उदाहरण में बताए गए राशि का अगर 50 फीसदी एन्युटी कोई कर्मचारी खरीदते हैं तो उन्हें हर महीने 11,500 रुपए के करीब पेंशन मिलेगी.
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