नई दिल्ली : कांग्रेस ने राष्ट्रीय राजधानी में सीलिंग के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि लाखों लोग बेरोजगार हो रहे हैं, लेकिन ये दोनों सरकारें सो रही हैं.


दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने संवाददाताओं से कहा कि इस मुद्दे पर पार्टी 31 अगस्त को मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास के बाहर ‘विशाल प्रदर्शन’ करेगी जिसमें कारोबार से जुड़े लोग भी शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान में इसका प्रावधान किया गया था जिन इलाकों में 70 फीसदी छोटी या बड़ी औद्योगिक इकाइयां होंगी उनको औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया जाएगा, लेकिन अब ऐसे इलाकों में भी सीलिंग की जा रही है.


माकन ने कहा, ‘‘2005 की गजट अधिसूचना में इसका स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया गया था. इसके कागजात हमने दिल्ली सरकार को भी दिए. उसने अब तक कोई कदम नहीं उठाया. केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों सो रही हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में 8,75,308 औद्योगिक इकाइयां हैं और इन पर सीलिंग का खतरा मंडरा रहा है. दिल्ली में लाखों लोग बेरोजगार हो रहे हैं. ऐसे घरेलू उद्योगों को सीलिंग का निशाना बनाया जा रहा है. हमारी मांग है कि ऐसे उद्योगों की सीलिंग और बंद होने से सुरक्षा की जाए जिनसे किसी तरह का प्रदूषण नहीं होता है.’’


इससे पहले दिल्ली में पिछले कुछ महीने से अलग-अलग इलाकों में सीलिंग और डिमोलिशन की कार्रवाई चल रही थी. सीलिंग डिमोलिशन की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनिटरिंग कमेटी के आदेश पर की जा रही थी.


मॉनिटरिंग कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी थी कि दिल्ली में नियमों की अनदेखी कर बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हो गया है जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मॉनिटरिंग कमेटी से एक बार फिर कार्रवाई करने को कहा था और उसी के बाद दिल्ली में सीलिंग और डिमोलिशन की कार्रवाई शुरू हुई थी.