नई दिल्लीः भारत सरकार ने चीन से हो रहे बेतहाशा इम्पोर्ट को रोकने के लिए चीन पर ‘क्वालिटी अटैक’ का मास्टरप्लान तैयार किया है. 1 सितंबर से भारत सरकार देश के 7 बड़े बंदरगाहों (पोर्ट) पर आयातित सामानों का, खासकर चीन से इम्पोर्ट किए हुए सामानों का 'क्वालिटी चेक टेस्ट' शुरू करेगी.
माना जा रहा है कि इससे बड़े पैमाने पर चीन से आ रहे सामानों पर नकेल लगेगी. ख़ासतौर पर चीन और सिंगापुर से आयात होने वाले दोयम दर्ज़े के प्लास्टिक के खिलौनों को अब भारतीय बाज़ार में जगह नहीं मिल पाएगी.
क्यू.ओ.सी. होगा लागू
भारत सरकार 1 सितम्बर से प्लास्टिक टॉयज को लेकर क्यू.ओ.सी. यानी क्वालिटी कंट्रोल आर्डर जारी और लागू कर देगी. यानी क्वालिटी के पैमाने पर अगर आयातित खिलौने खरे नहीं उतरे तो इन्हें भारतीय बाजार में आने से रोक दिया जाएगा.
7 प्रमुख बंदरगाहों पर है बीआईएस की पैनी नज़र
पारादीप, कांडला, मुम्बई, कोलकाता, कोच्चि समेत 7 बड़े पोर्ट पर इम्पोर्ट समान की जांच की जाएगी. बीआईएस यानी भारत मानक ब्यूरो और कस्टम ऑफिसर्स मिलकर ये जाँच करेंगे. अन्य सामानों के अलावा चीन से घटिया क्वालिटी के बच्चों के खिलौनों के इम्पोर्ट को लेकर सरकार सख़्त हो गई है.
भारतीय खिलौना बाज़ार के 70% पर चीन का है क़ब्ज़ा
फिलहाल देश मे 70% से ज़्यादा प्लास्टिक खिलौने चीन से इम्पोर्ट किये जाते हैं. एक अनुमान के मुताबिक़ भारत में खुदरा दुकानों, मंदिरों, बाज़ारों और मेलों इत्यादि में बिकने वाले सस्ते खिलौनों का बाज़ार 3500 करोड़ रूपए का है जिस पर चीन की खिलौना इंडस्ट्री ने क़ब्ज़ा कर रखा है.
देशी खिलौना उद्योग को भी कराना होगा बीआईएस सर्टिफ़िकेशन
टॉय क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर 2020 के मुताबिक़ घरेलू खिलौना इंडस्ट्री के अंतर्गत आने वाली खिलौना फ़ैक्टरियों को भी 1 सितम्बर से बीआईएस सर्टिफिकेशन करना अनिवार्य होगा. हालाँकि अखिल भारतीय खिलौना व्यापार संघ ने कोविड संकट के कारण सरकार से इसमें साल भर की छूट देने की माँग की है.
प्रधानमंत्री मोदी ख़ुद ले रहे हैं टॉय इंडस्ट्री में दिलचस्पी
चीन से चल रही बहुस्तरीय रस्साकशी के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में भारतीय खिलौना इंडस्ट्री में दिलचस्पी जताई है. खिलौना एसोशिएशन का कहना है कि हमारी इंडस्ट्री पर इसके बड़े दूरगामी परिणाम देखने को मिल सकते हैं. क्योंकि ऐसा पहली बार है जब किसी प्रधानमंत्री ने भारत की खिलौना इंडस्ट्री का इस तरह ज़िक्र किया हो.
भारतीय खिलौना इंडस्ट्री का भविष्य
एक ओर केंद्र सरकार चीन से खिलौना आयात को हतोत्साहित करने के तरीक़े अपना रही है वहीं दूसरी ओर राज्य सरकारें घरेलू उद्योग को बढ़ावा दे रही हैं. हाल ही में केंद्र सरकार ने खिलौनों पर इंपोर्ट ड्यूटी को 23% से बढ़ा कर 60% कर दिया है. अब अगर क्यूओसी के ज़रिए सरकार की सख़्ती, इंपोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी, ग्रेटर नॉएडा में प्रस्तावित विश्वस्तरीय टॉय सिटी योजना और प्रधानमंत्री की दिलचस्पी के इन सभी बिंदुओं को जोड़ें तो भारतीय खिलौना बाज़ार का स्वर्णिम भविष्य इसमें से उभरता हुआ नज़र आ रहा है.
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