Kainchi Dham: भारत सरकार ने बुधवार (12 जून) को नैनीताल जिले की तहसील कोश्याकुटोली का नाम बदलकर परगना श्री कैंची धाम करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. क्षेत्रीय जनता और बाबा नीब करोरी महाराज के भक्तों ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है.


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले साल कैंची धाम मंदिर के स्थापना दिवस (15 जून) समारोह के अवसर पर कोश्याकुटोली तहसील का नाम बदलकर कैंची धाम करने की घोषणा की थी. उत्तराखंड सरकार की ओर से भेजे गए तहसील का नाम बदलने के इस प्रस्ताव को भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है.


नीम करोरी बाबा के भक्तों के लिए खुशखबरी


सीएम पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली उत्तराखंड सरकार कैंची धाम में आने वाले भक्तों के लिए जरूरी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कोशिश कर रही है. गौरतलब है कि कैंची धाम एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल है. इसे नीम करौली बाबा के आश्रम के तौर पर भी जाना जाता है. कैंची धाम के नीम करौली बाबा के भक्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है. यहां बड़ी संख्या में भक्तों के साथ पर्यटक भी पहुंचते हैं.


जोशीमठ अब कहलाएगा ज्योर्तिमठ


इसके साथ ही केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जोशीमठ का नाम भी बदल दिया है. अब जोशीमठ का नाम बदलकर ज्योतिर्मठ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. उत्तराखंड सरकार ने स्थानीय लोगों की लंबे समय से की जा रही मांग के बाद बीते साल यह प्रस्ताव केंद्र को भेजा था.


जोशीमठ भी हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान है. इसे आदि गुरु शंकराचार्य की तपोस्‍थली के तौर पर जाना जाता है. पौराणिक मान्‍यताओं के मुताबिक आदि गुरु शंकराचार्य 8वीं सदी में जोशीमठ आए. इसके बाद उन्होंने यहां अमर कल्‍पवृक्ष के नीचे तपस्‍या कर दिव्‍य ज्ञान ज्‍योति प्राप्त की. गौरतलब है कि जोशीमठ, जो अब ज्योर्तिमठ कहलाएगा वह उत्तराखंड के बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब और केदारनाथ जैसी प्रसिद्ध तीर्थस्थलों का प्रवेश द्वार भी है.


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