पर्यावरण दिवस पर मोदी सरकार ने शुरू किया 'शहरी वन्य कार्यक्रम', 200 शहरों में जंगल बढ़ाने पर जोर
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के मुताबिक देश में जनसंख्या और प्राकृतिक संसाधनों को ध्यान में रखते हुए तमाम मुश्किलों के बावजूद 8 फीसदी की जैव विविधता बरकरार है.
नई दिल्ली: शहरी पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार शहरों में जंगल क्षेत्र बढ़ाने के लिए योजना लेकर आई है. शुक्रवार 5 जून को अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के मौके पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस कार्यक्रम का ऐलान किया. इस कार्यक्रम को देश के 200 शहरों के निगमों में लॉन्च किया गया है.
कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण वर्चुअल तरीके से हुए लॉन्च इवेंट में बोलते हुए जावड़ेकर ने कहा कि देश के शहरों में भी जंगलों को बढ़ाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, “हमारे ग्रामीण इलाकों में तो जंगल हैं, लेकिन शहरी इलाकों में ज्यादा नहीं हैं. कुछ शहरों में 2-3 जंगल हैं, लेकिन हमें इनसे ज्यादा की जरूरत है.”
जनता की भागीदारी और PPP मोड से हासिल होगा लक्ष्य
शहरी वन कार्यक्रम को लॉन्च करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार इस काम में फंडिंग में मदद करेगी. जावड़ेकर ने कहा, “शहरों में बगीचे तो हैं लेकिन जंगल नहीं हैं. हमें जंगलों का निर्माण करना है, इसलिए हम देश के 200 शहरी निगमों में शहरी वन्य कार्यक्रम की शुरुआत कर रहे हैं.”
सरकार इस अभियान में देश की जनता की भागीदारी की भी उम्मीद कर रहे हैं. जावड़ेकर ने कहा, “मैं सबसे अपील करता हूं कि मिलकर इस काम को करें. हम पीपीपी मोड और जनता की भागीदारी से इन शहरों को अच्छे जंगलों का ईनाम देने पर विचार कर रहे हैं.”
भारत में जैव विविधता बरकरार
उन्होंने देश में पर्यावरण को लेकर किए गए प्रयासों की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि तमाम मुश्किलों के बावजूद भारत में विश्व की 8 फीसदी जैव विविधता बरकरार है. उन्होंने कहा कि भारत में दुनिया की 16 फीसदी आबादी है और इतनी ही आबादी पालतू पशुओं की है, लेकिन सिर्फ 2.5 फीसदी जमीन और 4 फीसदी प्राकृतिक जल स्रोत है और इसके बावजूद देश में जैव विविधता का स्तर बना हुआ है.
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