जम्मू: जम्मू कश्मीर सरकार ने हज़ारों युवाओं के हित में एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए प्रदेश सरकार में नई नौकरियों की भर्ती के लिए ‘एसआरओ 202’ को गैरज़रूरी करार दिया है. मतलब यह कि अब नई सरकारी नौकरियों की नियुक्तियों में पूरा वेतन मिलेगा.


दरअसल, जून 2015 में मुफ़्ती मोहम्मद सईद की अगुवाई वाली पीडीपी-बीजेपी सरकार ने  ‘एसआरओ 202’ लागू किया था जिसमें यह प्रावधान था कि कोई भी उम्मीदवार सरकारी नौकरी पाने के बाद 5 साल के लिए प्रोबेशन पर रहेगा. इसके तहत सरकारी नौकरी पाने वाले हर उम्मीदवार को नौकरी के पहले पांच साल बेसिक वेतन ही मिलेगा, जिसका साफ मतलब था कि पहले पांच साल तक ऐसे उमीदवारो को आधा वेतन ही मिलता था.


सोमवार को जम्मू में राज्य प्रशासनिक परिषद् की बैठक में यह फैसला लिया गया कि अब यह ‘एसआरओ 202’ प्रदेश में सरकारी नौकरियों की नई भर्तियों पर लागू नहीं होगा. इसके साथ ही इस ‘एसआरओ 202’  के तहत पहले से नियुक्त सरकारी कर्मचारियों की प्रोबेशन की सीमा भी 2 साल कर दी गई है. गौरतलब है कि ‘एसआरओ 202’  पर पिछले कुछ समय से जम्मू कश्मीर में सियासी संग्राम छिड़ा हुआ था.


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