नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल को आज मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. सरकार इसी सत्र में नागरिकता संशोधन बिल को लोकसभा में पेश करेगी. बाद में इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा. इस बीच इस संसोधन बिल को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच दरार बढ़ सकती है. सरकार के सामने राज्यसभा में इस बिल को पास कराने की चुनौती है.


राज्यसभा में फंस सकता है संसोधन बिल


कैबिनेट की मंजूरी मिल जाने के बाद अब इस बिल को संसद की परीक्षा से गुजरना होगा. लोकसभा में तो बीजेपी के पास ख़ुद ही 303 सीटें हैं तो उसे वहां कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन सरकार की असली परिक्षा राज्यसभा में होगी, जहां ये संसोधन बिल फंस सकता है.


बहुमत के लिए चाहिए 120 सांसदों का वोट 


दरसअल राज्यसभा में वर्तमान सांसदों की संख्या 239 है. ऐसे में अगर सभी सांसद वोट करें तो बहुमत के लिए 120 सांसदों का वोट चाहिए. सदन में बीजेपी के पास 81 सांसद हैं. ऐसी स्थिति में बीजेपी को बहुमत के लिए 39 और वोट चाहिए होंगे. अब मुश्किल ये है कि बीजेपी की सहयोगी जेडीयू हमेशा से इस बिल के ख़िलाफ़ रही है, जिसके पास 6 सांसद हैं.


इतना ही नहीं महाराष्ट्र में बीजेपी का साथ छोड़कर एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने वाली शिवसेना भी इसके खिलाफ जा सकती है, जिसके 3 सांसद हैं. आमतौर पर सरकार का साथ देने वाली टीआरएस भी इस संसोधन बिल के खिलाफ दिख रही है. सदन में टीआरएस के 6 सांसद हैं.


कौन-कौन है बिल के विरोध में?


फिलहाल बीजेपी को वर्तमान में बीजेडी, अकाली दल और कुछ छोटी पार्टियों का ही समर्थन मिलता तय दिख रहा है. जबकि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, आरजेडी, सपा और बीएसपी जैसी पार्टियां बिल के खिलाफ हैं. हालांकि एआइएडीएमके और जेडीयू सरकार को बाहर से समर्थन दे सकती हैं.


राज्यसभा में कांग्रेस के 46, टीएमसी के 13, डीएमके के 5, आरजेडी के 4, सपा के 9, बीएसपी के 4, एनसीपी के 4 सांसद हैं. वहीं, एआइएडीएमके के 11 सांसद हैं.


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