नई दिल्ली: चीन की कंपनी के भारत में डाटा जासूसी मामले पर सरकार ने जांच शुरू कर दी है. इस मामले में नेशनल साइबर सेक्युरिटी कोऑर्डिनेशन की निगरानी में सरकार ने एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई है. यह कमेटी तीस दिन के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगी. विदेश मंत्रालय ने भारत में चीन के राजदूत के सामने चीनी कंपनी शेनहुआ इनफोटेक के जासूसी करने का मामला उठाया. शेनहुआ इनफोटेक का भारत में प्रमुख लोगों की जासूसी में आ चुका है.
अंग्रेजी समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस की खबर में कहा गया है कि चीन की सरकार 10,000 से अधिक भारतीय लोगों और संगठनों पर नजर रख रही है. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी झेनहुआ डेटा इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इस काम में शामिल है.
किन-किन प्रमुख लोगों की जासूसी कर रहा है चीन?
- प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी
- राज्य के मुख्य सचिव
- डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी)
- मुख्य सतर्कता आयोग
- विदेश विभाग के अधिकारी
- वित्त मंत्रालय के अधिकारी
- अर्चना वर्मा, अतिरिक्त सचिव, केंद्रीय सतर्कता आयोग
- टी श्रीकांत, जी किशन रेड्डी के निजी सचिव, गृह मंत्रालय, मंत्रालय
- अनिल मलिक, अतिरिक्त सचिव (विदेशी), एमएचए
- डी राजकुमार, सीईओ, भारत पेट्रोलियम
- विवेक भारद्वाज, अतिरिक्त सचिव (पुलिस आधुनिकीकरण), एमएचए
- निधि छिब्बर, संयुक्त सचिव और अधिग्रहण प्रबंधक (समुद्री सिस्टम), MoD
- एस अपर्णा, कार्यकारी निदेशक, विश्व बैंक, वाशिंगटन डीसी
- अंजना दूबे, उप-महानिदेशक, वित्तीय सेवा विभाग
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन पीएमओ के कम से कम आधा दर्जन नौकरशाहों की जासूसी कर रहा है, जो सीधे प्रधानमंत्री के अधीन मंत्रालयों में काम करते हैं. इतना ही नहीं चीन ने कम से कम 23 मुख्य सचिव और 15 डीजीपी की भी निगरानी की है. ये नौकशाह मुख्य रूप से प्राकृतिक संसाधनों, बुनियादी ढांचे और शहरी विकास, वित्त और कानून व्यवस्था सहित प्रमुख विभागों में कार्यरत हैं.
चीन भारत के पेमेंट एप, सप्लाई चेन, डिलीवरी एप्स और इन एप्स के सीईओ-सीएफओ समेत करीब 1400 व्यक्तियों और संस्थाओं की जासूसी कर रहा है. इतना ही नहीं चीन देश के स्टार्टअप्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और भारत में स्थित विदेशी निवेशक और उनके संस्थापक और मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारियों की भी निगरानी कर रहा है.
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