केंद्र सरकार जल्द ही नगद लोन की पेशकश करने वाले ऐप्स पर कार्रवाई कर सकती है. इसको लेकर सरकार की ओर से योजना बनाई जा रही है. साथ ही नए नियम बनाने के बारे में भी एक्सपर्ट्स से सलाह ले रही है. नगद लोन देने वाले ऐप्स के खिलाफ देशभर से शिकायतें मिल रही है और अब सरकार ने नियमों में बदलाव करने का फैसला लिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब ऐसे ऐप्स सरकार को स्किम से संबंधित ब्यौरा देना होगा. इसके बाद ही सरकार से अनुमति मिल सकेगी.


रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐसी कंपनियां गोपनीयता, डेटा सुरक्षा को नुकसान पहुंचाती हैं, जो कस्टमर्स के लिए चिंता का विषय है. इस मामले पर बात करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के एक अधिकारी ने बताया, "ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार 15 अप्रैल तक मौजूदा कानून में बदलाव कर सकती है या नया कानून लागू कर सकती है". उन्होंने आगे कहा, "उपभोक्ताओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऐसा कदम उठाना बेहद जरूरी है. हम किसी निजी कंपनी को उपभोक्ताओं का डेटा नहीं दे सकते."


सरकार जल्द बना सकती है नया कानून 


एक अधिकारी ने बताया कि ऐसी कंपनियां लोन देने के बाद 300 फीसदी सालाना इंटरेस्ट रेट वसूलती है, जो मान्य नहीं है. उन्होंने कहा, "ऐसी कंपनियां पहले लोगों को ऑफर देती है और फिर उनका शोषण करने लगती है." निजी लोन कंपनियां कस्टमर्स पर दवाब डालती है और फिर लोन समय पर ना चुका पाने की स्थिति में उन्हें सुसाइड करने पर मजबूर करती है." उन्होंने कहा कि सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है ताकि लोग इस तरह अपनी जान जोखिम ना डालें. साथ ही ऐसी लोन कंपनियां ज्यादा लाभ कमाने के चक्कर में कस्टमर्स की प्रॉपर्टी पर भी अपना कब्जा जमाना चाहती है." बता दें कि साल 2020 में लोन कंपनी के दवाब में आकर 12 लोगों ने आत्महत्या की है.


ये भी पढ़ें :-


कोरोना अपडेट: देश में लगातार दूसरे दिन 62 हजार नए मामले आए, 24 घंटे में 312 संक्रमितों की मौत


दिल्ली सरकार का बिना कारण बताए AIIMS के आसपास 11 रैन बसेरे खाली करने का आदेश, लोगों के सामने पहाड़ सी मुसीबत