Defence Personnel Pension Scheme: सेना में परमानेंट कमीशन पाने का इंतजार करते वक्त अगर किसी शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारी (Short Service Commissioned Officer) की किन्हीं कारणों से मौत हो जाती है तो उसका परिवार पेंशन (Pension) का हकदार होगा. इस बाबत रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने नोटिफिकेशन जारी कर ये जानकारी दी है.
रक्षा मंत्रालय के अधीन पूर्व-सैनिक कल्याण विभाग के मुताबिक, अभी तक शॉर्ट सर्विस कमीशन ऑफिसर्स और ईसीओ (ECO) यानि इमरजेंसी कमीशन ऑफिसर्स के तहत सेना में शामिल होने वाले वे सैन्य अधिकारी जो कमीशनिंग से पहले ही मौत का शिकार हो जाते थे उनके परिवार को पेंशन का लाभ नहीं मिल पाता था, लेकिन 8 जून 2022 यानि गुरुवार को डीईएसडब्लू (DESW) यानि डिपार्टमेंट ऑफ एक्ससर्विसमैन वेल्फेयर ने इस बावत चिठ्ठी जारी कर एससीसीओ और ईसीओ के प्री-कमीशन्ड अधिकारियों को इसका लाभ देने का फैसला लिया गया है.
सेना के तीनों अंगों को भेजी गई चिट्ठी
इस फैसले के मुताबिक पूर्व सैनिक कल्याण विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी, अनिल अग्रवाल ने सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों को ये चिठ्ठी भेज दी है ताकि इस का लाभ थलसेना, वायुसेना और नौसेना के प्री-कमीशन अधिकारियों को मिल सके. जानकारी के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने एक मानवीय कदम उठाते हुए उनके परिवारवालों को पेंशन देने का फैसला लिया है. बता दें कि शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) अधिकारी मात्र दस साल के लिए ही सेना में शामिल हो सकते हैं. हालांकि, वे अगले चार के लिए अपना कार्यकाल सेना में बढ़वा सकते हैं. यानि कुल 14 साल तक वे एसएससी अधिकारी रहते हैं, लेकिन इन 14 साल के सेवाओं के दौरान वे पेंशन के हकदार नहीं होते हैं.
रक्षा मंत्रालय ने इसलिए लिया पेंशन देना का फैसला
इमरजेंसी अधिकारी वो होते हैं जो युद्ध के दौरान सेना में शामिल होते हैं. 14 साल की सेवा के बाद एसएससी अधिकारी एनडीए अधिकारियों की तरह परमानेंट कमीशन चाहता है तो उसे एक कठिन 'बोर्ड' यानि इंटरव्यू और मेडिकल फिटनेस से गुजरना पड़ता है. जिसके बाद वो परमानेंट यानी स्थाई अधिकारियों की तरह है पेंशन और दूसरी सुविधाओं का हकदार बन सकता है, लेकिन कई बार देखा गया है, कि बोर्ड और मेडिकल के रिजल्ट के दौरान वे एसएससी अधिकारियों की देश की सेवा और रक्षा के दौरान भी ऑपरेशन या फिर किन्हीं और कारणों से मृत्यु हो जाती है. इसीलिए रक्षा मंत्रालय ने ऐसे अधिकारियों को पेंशन देना का फैसला लिया है.
एसएससी (SSC) की परीक्षा भी एनडीए यानि नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) की तरह ही यूपीएससी (UPSC) आयोजित करती है. इस परीक्षा को कम्बाइंड डिफेंस सर्विस यानि सीडीएस (CDS) नाम दिया जाता है. सेना के तीनों अंगों में परमानेंट कमीशन यानि स्थाई कमीशन के लिए यूपीएससी द्वारा आयोजित नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) एग्जाम को साल में दो बार आयोजित किया जाता है. इसके अलावा सीडीएस परीक्षा के माध्यम से भी सीधे इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) और ठीक ऐसे ही वायुसेना (Air Force) और नौसेना (Navy) में भी अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है.
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