नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाये जाने के बाद से सुरक्षा बलों ने पथराव के आरोप में 765 लोगों को गिरफ्तार किया. गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.


रेड्डी ने कहा, ‘‘गत पांच अगस्त से 15 नवंबर के बीच पथराव/कानून व्यवस्था से संबंधित दर्ज 190 मामलों में 765 लोगों की गिरफ्तारी की गई.’’ उन्होंने कहा कि इस साल एक जनवरी से चार अगस्त के बीच ऐसे 361 मामले दर्ज किए गए थे. रेड्डी ने कहा कि पथराव की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने बहुआयामी नीतियां अपनाई हैं.


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लोकसभा में उठा प्रदूषण का मुद्दा


कांग्रेस के मनीष तिवारी, बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा और बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने कहा कि पराली जलने से प्रदूषण फैलने के दावे निराधार हैं. इसके बड़े वजहों में वाहनों से निकलने वाला धुआं, औद्योगिक प्रदूषण और दूसरे कारण जिम्मेदार हैं. लोकसभा में नियम 193 के तहत प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण को लेकर हर साल पड़ोसी राज्यों पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में किसानों के पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया जाता है, जबकि इस तरह के दावे गलत हैं. तिवारी ने कहा कि छोटे किसानों को वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराना उनके साथ इंसाफ नहीं है.


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वहीं बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा ने भी चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों के किसानों को अनावश्यक तरीके से प्रदूषण के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया जाता है. उन्होंने कहा कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में लगभग 8-10 अक्टूबर के आपास धान की फसल के अवशेष जलाना शुरू हुआ लेकिन राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में 27 अक्टूबर को दिवाली के अगले दिन वायु प्रदूषण भयावह स्तर पर पहुंच गया.


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