मनरेगा के 100 दिनों के मौजूदा कार्य दिवस को बढ़ाया जाएगा या नहीं, सरकार ने संसद में दिया जवाब
केंद्र सरकार संसद में कहा है कि मनरेगा के मौजूदा 100 कार्य दिवस को बढ़ाने का विचार नहीं है. वहीं, राज्य चाहें तो अपने स्तर पर कार्य दिवस बढ़ा सकते हैं. सरकार ने यह भी बताया कि इस योजना में कोरोना महामारी के दौरान काफी संख्या में लोगों को रोजगार मिला.
ई दिल्लीः नकेंद्र सरकार ने आज इस बात से इनकार किया कि उसकी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तहत कार्य दिवसों की संख्या बढ़ाने की कोई योजना है. ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने राज्यसभा में विभिन्न पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी.
साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि फिलहाल मौजूदा 100 दिनों के कार्य दिवस में वृद्धि करने का केंद्र का कोई विचार नहीं है. उन्होंने हालांकि कहा कि राज्य अपने स्तर पर कार्य दिवसों की संख्या में वृद्धि कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश, केरल और ओडिशा जैसे राज्यों ने कार्य दिवसों की संख्या में वृद्धि की है.
मनरेगा मांग पर आधारित योजना मंत्री ने कहा कि मनरेगा मांग पर आधारित योजना है और लोगों को अगर अन्य स्थानों पर काम नहीं मिलता, तब वे मनरेगा के तहत काम की मांग करते हैं. उन्होंने कहा कि पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के दौरान बड़ी संख्या में लोगों को इस योजना के तहत रोजगार मिला और कुल 300 करोड़ मानव दिवस सृजित हुए.
मनरेगा में महिलाओं की हिस्सेदारी 52 प्रतिशत ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि इस साल मनरेगा में महिलाओं की हिस्सेदारी 52 प्रतिशत रही है. उन्होंने कहा कि पिछले साल बजट में मनरेगा के लिए 61,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था और इस बार इस मद में 73,000 करोड़ रुपए रखे गए हैं. तोमर ने कहा कि पिछले साल कोविड महामारी के दौरान गांवों में लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए सरकार ने 1.11 लाख करोड़ रूपए आवंटित किए और अब तक 90,000 करोड़ रुपए राज्यों को जारी किए जा चुके हैं.
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