नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि लोग कोरोना के तीसरी लहर की बात को मौसम के अपडेट की तरह ले रहे हैं. इसकी गंभीरता और इससे जुड़ी जिम्मेदारियों को लोग समझ नहीं रहे हैं. सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि देश के कई हिस्सों में कोविड-उपयुक्त व्यवहार का घोर उल्लंघन देखा जा रहा है जो इसे काबू में करने के लिए अब तक की मेहनत पर पानी फेर सकता है.
लव अग्रवाल ने कहा, "सभी से अनुरोध करना चाहते हैं कि जब हम कोरोना की तीसरी लहर के बारे में बात करते हैं, तो हम इसे मौसम के अपडेट के रूप में ले रहे हैं और इसकी गंभीरता और इससे जुड़ी हमारी जिम्मेदारियों को नहीं समझ रहे हैं."
वहीं, नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि दुनिया आज कोरोना की तीसरी लहर का सामना कर रही है. भारत में इसे रोकने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आज साफ किया है कि तीसरी लहर कब आएगी इस पर चर्चा करने के बजाय हमें इस बात पर फोकस करना चाहिए कि कैसे इसे किनारे रखा जाए.
इसके साथ ही लव अग्रवाल ने कहा कि कोविड-19 प्रबंधन में समर्थन करने के लिए असम, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर सहित 10 राज्यों में केंद्रीय टीमों को तैनात किया गया है. भारत के 55 जिलों में 13 जुलाई को समाप्त सप्ताह के लिए कोविड-19 संक्रमण की दर 10 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई. जुलाई में केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा से अब तक कोविड-19 के लगभग 73.4 फीसदी नए मामले सामने आए. उन्होंने जानकारी दी कि अब तक 30.66 करोड़ लोगों को कोविड वैक्सीन की पहली डोज़ दी गई और 7.49 करोड़ लोगों को दूसरी डोज़ दी गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने कहा कि कोविड के नए पैकेज के अंतर्गत करीब 20 हजार नए आईसीयू बेड तैयार किए जाएंगे. इसमें से 20 फीसदी बेड पीडियाट्रिक बेड होंगे. हर ज़िले में एक पीडियाट्रिक यूनिट भी बनाई जाएगी. इस पैकेज के अंतर्गत 8800 से अधिक एंबुलेस की अलग से व्यवस्था की जाएगी.
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