केंद्र सरकार की अमेजन-फ्लिपकॉर्ट जैसी कंपनियों को हिदायत, FDI नियमों का पालन कर व्यापार करें
आज वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से अमेजन और फ्लिपकॉर्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों को साफ तौर पर विदेशी निवेश से जुड़े नियमों के तहत ही अपना व्यापार करने की हिदायत दी गई है.
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने अमेजन और फ्लिपकॉर्ट जैसी ई कॉमर्स से जुड़ी कंपनियों को एफडीआई नियमों का पालन कर अपना व्यापार करने की हिदायत दी है. इन कंपनियों द्वारा अपनी वेबसाइट के माध्यम से बेचे जानेवाले सामानों पर दिए जा रहे डिस्काउंट के बाद देश के व्यापारियों की संस्था ने सरकार से इन कंपनियों के खिलाफ शिकायत की थी. इसी शिकायत के बाद सरकार ने इन कंपनियों को हिदायत दी है.
देशी रिटेल व्यापारियों की शिकायत के बाद आज वाणिज्य मंत्रालय ने अमेजन और फ्लिपकॉर्ट के प्रतिनिधियों को तलब किया. मंत्रालय के एक अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी ने इन प्रतिनिधियों के साथ मुलाक़ात कर उनसे इन शिकायतों पर जवाब मांगा. सूत्रों के मुताबिक़ मंत्रालय की ओर से इन कंपनियों को साफ तौर पर विदेशी निवेश से जुड़े नियमों के तहत ही अपना व्यापार करने की हिदायत दी गई है.
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वहीं अमेजन के प्रतिनिधि ने सरकार से कहा कि उनका व्यापार पूरी तरह नियम सम्मत है. अमेजन के मुताबिक़ 'मंत्रालय के अधिकारियों के साथ हमारी खुली और पारदर्शी चर्चा हुई . हमें अपनी बात रखने का मौका देने के लिए हम सरकार और वाणिज्य मंत्रालय का धन्यवाद करते हैं और आगे भी हम सहयोग करते रहेंगे'
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दरअसल अमेजन और फ्लिपकार्ट ने दिवाली के अवसर पर देश के ग्राहकों को लुभाने के लिए बड़े पैमाने पर डिस्काउंट दिया था. एक आंकड़े के मुताबिक़ 6 दिनों के इस मेगा सेल के दौरान क़रीब 19000 करोड़ रुपये के सामान बेचे गए. इसी के बाद देशभर के रिटेल व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था कॉनफेडरेशन ऑफ इंडियन ट्रेडर्स (CAIT) के एक प्रतिनिधिमंडल ने वाणिज्य मंत्री पीयुष गोयल से बुधवार को मुलाक़ात की थी. प्रतिनिधिमंडल ने गोयल से ई-कॉमर्स कंपनियां द्वारा लागत से भी कम मूल्य, गहरी छूट, नुकसान के बावजूद डिस्काउंट और विभिन्न उत्पादों की बिक्री केवल ई कामर्स पोर्टल पर ही उपलब्ध होने जैसे बिजनेस चैनल को चलाने की शिकायत की थी . इनका आरोप है कि ये कंपनियां एफडीआई नियमों का उल्लंघन कर व्यापार कर रही हैं जो छोटे व्यापारियों के लिए नुकसानदेह है.
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व्यापारियों की संस्था ने दावा किया कि ऐसे तरीके अपनाकर ये कंपनियां नियमों के उल्लंघन के साथ साथ सरकार का भी नुकसान कर रही है. अपनी बात के समर्थन में मूल्य कम होने से सरकार को जीएसटी में होने वाले नुकसान का हवाला दे रहे हैं.
हालांकि ये भी सच्चाई है कि हर साल दीवाली जैसे त्योहारों के मौकों पर ऐसी कंपनियां डिस्काउंट देती हैं और ग्राहक उसका भरपूर फायदा भी उठाते हैं. पिछले सालों में भी इन कंपनियों की ऐसी तरकीबों के ख़िलाफ़ शिकायतें आती रही हैं लेकिन कुछ न कुछ तकनीकी बहाने से ये अपना काम जारी रखे हुए हैं.
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