देश में डरा रहा कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट, अब तक 12 राज्यों में आए कुल इतने मामले
नसीडीसी के निदेशक सुजीत सिंह ने कहा कि तमिलनाडु में डेल्टा प्लस के नौ मामले सामने आए हैं जबकि मध्य प्रदेश में 7, केरल में 3, पंजाब और गुजरात में 2-2 तथा आंध्र प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, हरियाणा और कर्नाटक में 1-1 मामला सामने आया हैं.
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि अब तक देश में अनुक्रमित (जीनोम) किये गये 45,000 नमूनों में से कोविड-19 के डेल्टा प्लस स्वरूप के 51 मामले 12 राज्यों में सामने आये हैं और उनमें से सबसे अधिक 22 मामले महाराष्ट्र से आये हैं. इसके साथ ही केंद्र ने इस बात पर जोर दिया कि इस उत्परिवर्तन के अब भी "बहुत सीमित" मामले हैं और यह नहीं कहा जा सकता कि इसमें वृद्धि का रुझान दिख रहा है.
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक सुजीत सिंह ने कहा कि तमिलनाडु में डेल्टा प्लस के नौ मामले सामने आए हैं जबकि मध्य प्रदेश में सात, केरल में तीन, पंजाब और गुजरात में दो-दो तथा आंध्र प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, हरियाणा और कर्नाटक में एक-एक मामला सामने आया हैं.
सिंह ने स्वास्थ्य मंत्रालय की मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘इस उत्परिवर्तन (डेल्टा प्लस) के मामले बहुत सीमित हैं. भारत में, बहुत सीमित मामले हैं (डेल्टा प्लस के)। करीब 50 मामले हैं जो 12 जिलों में सामने आए हैं और यह पिछले तीन महीनों में हुआ है. यह नहीं कहा जा सकता कि किसी भी जिले या राज्य में इसकी वृद्धि की प्रवृत्ति है...’
एनसीडीसी सहित दस संस्थान देश में कोरोना वायरस के जीनोम अनुक्रमण से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि डेल्टा प्लस स्वरूप को ‘प्लस’ चिह्न द्वारा दर्शाया गया है. उन्होंने कहा, "इसका मतलब यह नहीं है कि इसके प्रसार की गंभीरता अधिक है या इससे अधिक गंभीर बीमारी हो सकती है. यदि वैज्ञानिक साक्ष्य मिलते हैं तो हम निश्चित रूप से आपको उसके बारे में बताएंगे."
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में अनुक्रमित किए गए नमूनों में 50 प्रतिशत से अधिक में डेल्टा स्वरूप है. सिंह ने कहा कि भारत में कोविड-19 के 90 फीसदी मामले बी.1.617.2 (डेल्टा) स्वरूप के हैं. उन्होंने कहा,‘‘ 35 राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के 174 जिलों में चिंताजनक कोविड स्वरूप के मामले पाये गए हैं. इनमें से सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और गुजरात में मिले हैं.’’
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चिंताजनक स्वरूप के मामलों का अनुपात मई, 2021 के 10.31 फीसदी से बढ़कर जून, 2021 में 51 फीसदी हो गया. सरकार ने जोर दिया कि कोविड-19 के दोनों टीके-कोविशील्ड एवं कोवैक्सीन सार्स-सीओवी-2 के अल्फा, बीटा, गामा एवं डेल्टा स्वरूपों के विरूद्ध प्रभावी हैं.
सरकार ने कहा कि भारत में कोविड की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है, अब भी 75 जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण की दर 10 फीसदी से अधिक तथा 92 जिलों में 5-10 फीसदी के बीच है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने डेल्टा प्लस स्वरूप की चर्चा करते हुए कहा कि यह अब 12 देशों में मौजूद है. उन्होंने कहा कि भारत में डेल्टा प्लस के 10 राज्यों में 48 मामले सामने आए हैं और वे बहुत स्थानीय हैं.
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