नई दिल्ली: सरकार ने किसान आंदोलन के बारे में दुष्प्रचार और भड़काऊ बातें फैला रहे अकाउंट और हैशटैग के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने में ट्विटर के देरी करने पर कड़ी नाराजगी जताई है. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि कंपनी के अपने भले ही कोई नियम हों, लेकिन उसे देश के कानूनों का पालन करना ही चाहिए.
दरअसल, ट्विटर ने 500 से ज्यादा अकाउंट निलंबित किए हैं. हालांकि उसने अभिव्यक्ति की आजादी को बनाए रखने की जरूरत का हवाला देते हुए खबरिया निकायों, पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और नेताओं के अकाउंट पर रोक लगाने से इनकार किया है. वहीं आईटी सचिव ने किसान आंदोलन के संदर्भ में भड़काऊ बातों पर कार्रवाई करने से जुड़े सरकारी आदेशों का पालन नहीं करने पर ट्विटर की आलोचना की.
कार्रवाई करनी चाहिए
आईटी सचिव और ट्विटर के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच डिजिटल संवाद के दौरान सरकार ने इस मंच से कहा कि भारत में काम कर रहे कारोबारी निकाय के रूप में उसे कानूनों और लोकतांत्रिक संस्थानों का सम्मान करना ही चाहिए. साथ ही देश में सद्भाव बिगाड़ने और अशांति फैलाने से जुड़े अभियानों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.
500 अकाउंट बंद
बता दें कि भारत सरकार की चेतावनी के जवाब में माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने बताया कि उसने नियमों का उल्लंघन करने वाले 500 अकाउंट हमेशा के लिए बंद कर दिया है. इसके साथ ही विवादित हैशटैग को लेकर भी कार्रवाई की गई है. हालांकि भारत सरकार ने ट्विटर को 1178 अकाउंट को बंद करने के लिए कहा था.
वहीं सरकार का कहना था कि इन अकाउंट के पीछे खालिस्तान समर्थकों और पाकिस्तान का हाथ है. साथ ही सरकार का कहना था कि यह अकाउंट किसान आंदोलन के नाम पर गलत जानकारी फैला रहे हैं और भड़काऊ चीजें पोस्ट कर रहे हैं.
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