एक्सप्लोरर
Advertisement
रसोई गैस सिलेंडर पर खुशखबरीः हर महीने नहीं बढ़ेंगी कीमतें, सरकार ने आदेश वापस लिया
एक शीर्ष सूत्र ने बताया कि इस आदेश को अक्तूबर में वापस ले लिया गया है. पिछले 17 माह में 19 किस्तों में एलपीजी कीमतों में 76.5 रुपये की बढ़ोतरी हुई है.
नई दिल्ली: सरकार ने हर महीने एलपीजी सिलेंडर के दाम 4 रुपये बढ़ाने के फैसले को वापस ले लिया है. यह कदम इसलिए उठाया गया है कि हर महीने रसोई गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाना सरकार की गरीबों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना उज्ज्वला के उलट बैठता है. इससे पहले सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की सभी पेट्रोलियम डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को जून, 2016 से एलपीजी सिलेंडर कीमतों में हर महीने चार रुपये की बढ़ोतरी का निर्देश दिया था. इसके पीछे मकसद एलपीजी पर दी जाने वाली सब्सिडी को अंतत: समाप्त करना था.
अक्टूबर में वापस ले लिया गया था आदेश: सूत्र
एक शीर्ष सूत्र ने बताया कि इस आदेश को अक्तूबर में वापस ले लिया गया है. पिछले 17 माह में 19 किस्तों में एलपीजी कीमतों में 76.5 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. सूत्र ने बताया कि यह आदेश सरकार की उज्ज्वला योजना के उलट संकेत दे रहा था. एक तरफ सरकार गरीबों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दे रही है वहीं दूसरी ओर हर महीने सिलेंडर के दाम बढ़ाए जा रहे हैं. इसमें सुधार के लिए यह आदेश वापस ले लिया गया है. सूत्र ने कहा कि अक्तूबर के बाद भी एलपीजी के दाम बढ़े हैं, इसकी मुख्य वजह कराधान का मुद्दा है.
कंपनियों ने नहीं बढ़ाए दाम
इसी के चलते इंडियन आयल कॉरपोरेशन (आईओसी) भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) तथा हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) ने अक्तूबर से एलपीजी के दाम नहीं बढ़ाए हैं. इससे पहले तक पेट्रोलियम कंपनियों को 1 जुलाई, 2016 से हर महीने 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर के दाम दो रुपये (वैट शामिल नहीं) बढ़ाने की अनुमति दी गई थी. इसके बाद पेट्रोलियम कंपनियों ने 10 मौकों पर एलपीजी के दाम बढ़ाए थे. प्रत्येक परिवार को एक साल में 12 सब्सिडी वाले सिलेंडर मिलते हैं. इससे ज्यादा की जरूरत होने पर बाजार मूल्य पर सिलेंडर मिलता है.
30 मई, 2017 को एलपीजी कीमतों में मासिक वृद्धि को बढ़ाकर दोगुना यानी चार रुपये कर दिया गया. पेट्रोलियम कंपनियों को 1 जून, 2017 से हर महीने एलपीजी कीमतों में चार रुपये वृद्धि का अधिकार दिया गया. इस मूल्यवृद्धि का मकसद घरेलू सिलेंडर पर दी जाने वाली सरकारी सब्सिडी को शून्य पर लाना था. यह काम मार्च, 2018 तक किया जाना था.
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के क्रियान्वयन के बाद टैक्सेशन का मुद्दा बना है. इस योजना में ग्राहकों को सीधे उनके खातों में सब्सिडी की राशि डाल दी जाती है और उन्हें एलपीजी सिलेंडर बाजार मूल्य पर खरीदना होता है. डीबीटी से पहले डीलरों के पास एलपीजी सब्सिडी वाले मूल्य पर उपलब्ध होता था. वैट इसी सब्सिडी वाले मूल्य पर लगाया जाता था. अब एलपीजी सिर्फ बाजार मूल्य पर उपलब्ध है और उस पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगता है. सूत्र ने कहा कि सब्सिडी वाले मूल्य से अधिक होने के अलावा बाजार मूल्य में हर महीने बदलाव आता है. करों को शामिल करने के लिए इसके खुदरा मूल्य में बदलाव करना पड़ता है.
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
बॉलीवुड
जनरल नॉलेज
Advertisement
अलका लांबाकांग्रेस नेता
Opinion