नई दिल्लीः गणतंत्र दिवस पर किसान मार्च के बहाने हुई हिंसा के लिए सरकार और ट्विटर के बीच रस्साकसी चल रही है. सरकार चाहती है कि किसान आंदोलन के बहाने दिल्ली और देश में हिंसा भड़काने के लिए जिस तरह से ट्विटर का इस्तेमाल हुआ उसके बाद ट्विटर ऐसे हैंडल्स पर कड़ी करवाई करे लेकिन ट्विटर की ओर से इस मामले में हीला-हवाली की जा रही है. सरकार की ओर से नोटिस के बाद ट्विटर से सरकार को ब्लॉग के ज़रिए 500 हिंसा फ़ैलाने की साज़िश में शामिल ट्विटर हैंडल्स पर कर्रवाई की बात कही लेकिन ट्विटर की ओर से ब्लॉग के ज़रिए आए जवाब को सरकार ने सामान्य परिस्थितियां माना.


सरकार के सूत्रों ने कहा कि सरकार के साथ बातचीत का ये तरीक़ा क़तई सामान्य नहीं है. इसके बाद ट्विटर की ओर से मंत्री रविशंकर प्रसाद से मिलने का समय ट्विटर के वाइस प्रेसिडेंट पोलिसी की ओर से मांगा गया लेकिन उनके दफ़्तर ने समय देने से इनकार करते हुए कहा कि आप मंत्रालय के सचिव से मिल सकते है.


इसके बाद शाम को आईटी मंत्रालय के सचिव और ट्विटर के वाइस चीफ़ पोलिसी की बैठक तय हुई, सरकार के उच्च सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में सरकार को ओर से ट्विटर से पूछा और बताया जाएगा. सरकार की ओर से जो छह सवाल पूछे गए हैं वह हैं-


1. सरकार ने ट्विटर को साफ-साफ बता दिया है कि आप चाहे जो नियम और शर्तें अपने व्यापार के लिये लागू करें लेकिन आपको भारत में भारत के संविधान और कानून के मुताबिक चलना होगा.


2. सरकार की ओर से ट्विटर को कहा गया है अभिव्यक्ति की आजादी और आलोचना का अधिकार का हम सम्मान करते हैं, लेकिन हिंसा भड़काने के लिये नरसंहार जैसे शब्दों के इस्तेमाल की आजादी नहीं दी जा सकती. अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर सरकार के खिलाफ नरसंहार करने के शब्दों और हेशटैग के दुरुपयोग की इजाज़त नहीं दी जा सकती है.


3. सरकार ने ट्विटर को साफ किया है कि भारत में अपने व्यवसाय और व्यापार करने के लिए वे मुक्त है लेकिन ट्विटर के जरिए हिंसा फैलाने के प्रयासों की छूट नहीं दी जा सकती.


4. सरकार ने पूछा है कि अमेरिका में जब कैपिटल हिल को घेरा गया और हिंसा हुई तो ऐसे कृत्य के खिलाफ ट्विटर खड़ा हो गया, लेकिन दिल्ली में जब लाल किला पर राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान किया गया और हिंसा फैलाई गई तब ट्विटर ने हिंसा फैलाने वालों का समर्थन किया उनके उन्मादी विचारों को हैसटैग के ज़रिये विस्तार दिया गया, एक जैसी घटना के लिए दो पैमाने नहीं चल सकते.


5. अमेरिका में कैपिटल हिल की घटना में पुलिस वालों पर हमला हुआ ट्विटर के जरिए इस घटना की निंदा की गई लेकिन जब देश की राजधानी में लाल किले की प्राचीर पर पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया, उन्हें मारा-पीटा गया तब ट्विटर के जरिए इन्हीं पुलिसकर्मियों और सरकार के खिलाफ एजेंडा चलाया गया, टि्वटर क्यों चुप रहा?


6. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत और पश्चिमी देशों के लिए ट्विटर के अलग-अलग पैमाने क्यों हैं?


सरकार के साथ ट्विटर की बैठक में इन सवालों के जवाब मंगाए जायेगें. ट्विटर 26 जनवरी की हिंसा के मामले में अब तक 500 के करीब टि्वटर हैंडल स्थाई रूप से सस्पेंड कर चुका है लेकिन सरकार ट्विटर की कार्यवाही से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं है.


आज की बैठक के जरिए ट्विटर के एकतरफा एजेंडा पर रोक लगाने के लिए सरकार ट्विटर पर नकेल कसने की तैयारी में हैं. सरकार का मानना है कि ट्विटर के जरिए राष्ट्र विरोधी भावनाओं और देश के खिलाफ काम करने वाली शक्तियों को बढ़ावा दिया जाता है ट्विटर से ऐसी शक्तियों पर लगाम लगाने के लिए भी देश के कानून के मुताबिक कार्रवाई करने के लिए दो टूक कहा जाएगा.


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