Government Vs Twitter: ट्विटर और सरकार के बीच तनातनी से कू की बल्ले बल्ले, पांच दिन में बढ़े नौ लाख नए यूजर्स
ट्विटर और सरकार के बीच इन तल्ख रिश्तों का फायदा ट्विटर के स्वदेसी विकल्प के तौर पर उभरे Koo App को मिल रहा है. इस साल छह फरवरी से 11 फरवरी के बीच महज पांच दिन में नौ लाख बार से ज्यादा इंस्टॉल किया जा चुका है. यह पहले के मुकाबले करीब 20 गुना ज्यादा है.
नई दिल्ली: भारत सरकार और अमेरिकी माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर के बीच इन दिनों रिश्ते ठीक नहीं चल रहे हैं. सरकार ने ट्विटर को देश का कानून पालन करन को लेकर सख्त हिदायत दी है. वहीं ट्विटर ने कहा कि कंपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्ष में है, लेकिन सरकार ने जिस आधार पर ट्विटर अकाउंट्स बंद करने को कहा, वो भारतीय क़ानूनों के अनुरूप नहीं हैं.
ट्विटर और सरकार के बीच इन तल्ख रिश्तों का फायदा ट्विटर के स्वदेसी विकल्प के तौर पर उभरे Koo App को मिल रहा है. सात भारतीय भाषाओं में पोस्ट और लाइक का विकल्प देने वाली कू एप के पिछले पांच दिनों में कू एप को नौ लाख नए यूजर मिले हैं. आंकड़ों की बात करें तो एक साल पहले बने कू एप को पिछले साल एप स्टोर से महज 26 लाख बार इंस्टॉल किया गया था. जबकि पिछले साल 2.8 करोड़ बार इंस्टॉल किया गया. लेकिन हैरान करने वाले आंकड़े हैं यह हैं कि इस साल छह फरवरी से 11 फरवरी के बीच महज पांच दिन में नौ लाख बार से ज्यादा इंस्टॉल किया जा चुका है. यह पहले के मुकाबले करीब 20 गुना ज्यादा है.
ट्विटर और सरकार के बीच जारी तनातनी के बीच रेल मंत्री पीयूष गोयल ने स्वदेसी एप कू का इस्तेमाल करने की अपील की. पीयूष गोयल के अलावा कुछ औैर बड़ी हस्तियों ने कू एप के समर्थन में ट्वीट किया. कू एप का लोगो एक पीले रंग की चिड़िया है, इसका लोगो ट्विटर के नीले रंग के लोगो से मिलता जुलता है.
ट्विटर और सरकार के बीच तकरार क्यों? दरअसल किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद सरकार ने ट्विटर से 1178 अकाउंट को बंद करने के लिए कहा था. सरकार का कहना था कि यह अकाउंट जनका के बीच गलत जानकारी फैला रहे हैं और लोगों को उकसाने का काम कर रहे हैं. ट्विटर सरकार की मांग पर यह अकाउंट बंद दिए. लेकिन इसके कुछ घंटे बाद ही ट्विटर ने यह सभी अकाउंट फिर से चालू कर दिए.
ट्विटर ने तर्क दिया कि सरकार ने जिस आधार पर ट्विटर अकाउंट्स बंद करने को कहा, वो भारतीय क़ानूनों के अनुरूप नहीं हैं. इसके बाद स्वदेसी अप कू चर्चा में आया और रेल मंत्री समेत तमाम हस्तियों ने इसके समर्थन में ट्वीट और इसे बढ़ावा देने की अपील की.
ट्विटर और सरकार के बीच इस तनाव में सुप्रीम कोर्ट की भी एंट्री हो गयी. बीजेपी नेता विनीत गोयनका की ओर से दर्ज याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और ट्विटर दोनों से जवाब मांगा था. याचिकाकर्ता गोयनका ने ट्विटर पर भारत-विरोधी और देशद्रोही पोस्टों की जांच करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की थी.
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