नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज बताया कि पांचवी से आठवीं कक्षा के छात्रों को फेल न करने की नीति खत्म करने के बारे में जल्द ही संसद में एक विधेयक लाया जाएगा. अभी शिक्षा के अधिकार कानून के तहत आठवीं कक्षा तक के छात्रों को फेल नहीं करने का प्रावधान है.
लोकसभा ने आज संक्षिप्त चर्चा के बाद नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार संशोधन विधेयक 2017 को मंजूरी दे दी. विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए जावडेकर ने कहा कि यह विषय 5वीं से 8वीं कक्षा के बच्चो के पठन-पाठन और सीखने के निष्कर्षो पर आधारित है. अगर बच्चा मार्च में परीक्षा में फेल होता है तो उसे मई में एक और अवसर मिलेगा. और मई में फेल होने के बाद उसे उस कक्षा में रोक लिया जायेगा.
मंत्री ने कहा कि इस बारे में एक विधेयक जल्द ही आ रहा है. उन्होंने कहा कि चर्चा के दौरान एक बात सामने आई है कि शिक्षा के क्षेत्र में पैसा काफी खर्च हो रहा है, विस्तार भी हो रहा है लेकिन गुणवत्ता कैसे बेहतर हो यह सवाल भी उठ रहा है.
जावडेकर ने कहा कि हम ‘स्वयं प्लेटफार्म’, स्वयंप्रभा के माध्यम से आनलाइन और सीधे सम्पर्क के जरिये पठन पाठन और प्रशिक्षण को आगे बढ़ा रहे हैं. लोग सीख रहे हैं और सर्टिफिकेट भी प्राप्त कर रहे हैं. इसके जरिये गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, उत्तम पाठ्य सामग्री प्रदान करने के साथ डीटीएच के 32 चैनलों के माध्यम से आगे बढ़ाया जा रहा है. इसके माध्यम से अपनी पसंद के अनुसार पढ़ाई करने की व्यवस्था की गई है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसमें आनलाइन माध्यम से पठन-पाठन की इलेक्ट्रानिक निगरानी की भी व्यवस्था है. इसके अलावा हर साल 12 दिनों के शिविर का भी आयोजन किया जायेगा जिसमें शिक्षकों और अभिभावकों के संवाद का भी प्रबंध होगा. नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार संशोधन विधेयक 2017 को मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने 10 अप्रैल 2017 को पेश किया था. इसमें आरटीई अधिनियम 2009 के तहत शिक्षकों को नियुक्ति के लिये न्यूनतम योग्यता प्राप्त करने की मियाद को बढ़ा कर 31 मार्च 2019 करने की बात कही गई है.
नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार कानून में कहा गया था कि अगर किसी राज्य में पर्याप्त संख्या में शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान और पर्याप्त संख्या में दक्ष शिक्षक नहीं हों, तो ऐसी स्थिति में न्यूनतम योग्यता कानून बनने के पांच साल की अवधि अर्थात 31 मार्च 2015 तक प्राप्त करनी होगी.
कानून में संशोधन वाले इस विधेयक में प्रावधान किया गया है कि जिल शिक्षकों ने न्यूनतम योग्यता प्राप्त नहीं की है, वे इसके बाद चार सालो की अवधि में अर्थात 31 मार्च 2019 तक इसे हासिल करेंगे. स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति के बारे में सदस्यों की चिंताओं पर प्रकाश जावडेकर ने कहा कि कुछ जगहों पर बायोमेट्रिक प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है. राजस्थान में स्कूलों में आदर्श शिक्षकों के चित्र लगाये जा रहे हैं. इस बारे में एक एप्प का भी विकास किया गया है.
सदस्यों कें सवालों के जवाब में मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि 8 राज्य ऐसे हैं जहां काफी संख्या में अप्रशिक्षित शिक्षक हैं. हम इन प्रदेशों में शिक्षक प्रशिक्षण पर ध्यान देने के लिये विशेष टीम बना रहे हैं और इस विषय पर खास ध्यान दिया जायेगा.