One Portal For All Madarsa: संसदीय समिति की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार देश में मान्यता प्राप्त और गैर-मान्यता प्राप्त सभी मदरसों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए एक पोर्टल विकसित करेगी. ताकि सभी मदरसों की जानकारी हासिल हो सके. बता दें कि संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट सोमवार को लोकसभा में पेश की गई. देशभर के मदरसों की अधिक व्यापक जानकारी (डेटा) रखने के लिए, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने समिति को बताया कि उसने मदरसों के लिए एक एमआईएस (Management Information System) पोर्टल विकसित करने के लक्ष्य से एक एजेंसी को नियुक्त किया है. 


एमआईएस पोर्टल पर दी जाएगी सभी जानकारी


संसदीय समिति द्वारा पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से उक्त पोर्टल पर मदरसा स्कूलों के बारे में जानकारी अपलोड करने का अनुरोध किया जाएगा और पोर्टल ऐसे मान्यता प्राप्त और गैर-मान्यता प्राप्त संस्थानों की जानकारी हासिल करेगा. मंत्रालय ने समिति को बताया, ‘‘यह परिकल्पना की गई है कि पोर्टल के माध्यम से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से एकत्र किए गए डाटा से नीति बनाने के साथ-साथ योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन में मदद मिलेगी.


देश में कुल कितने हैं मदरसे


संसदीय समिति चाहती है कि एमआईएस पोर्टल को समयबद्ध तरीके से तत्काल विकसित किया जाए, जिसमें मदरसों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने का काम जल्द ही शुरू किया जा सके. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार देश में लगभग 1.17 लाख शिक्षकों के साथ 26,928 रजिस्टर्ड मदरसे हैं और इन संस्थानों में छात्र नामांकन 43.52 लाख से अधिक है. संसदीय पैनल ने कहा है कि उपलब्ध बुनियादी ढांचे, शिक्षकों और छात्रों सहित मदरसों के संबंध में विस्तृत जानकारी की कमी है क्योंकि केवल 10 राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों ने यूडीआईएसई पोर्टल पर विवरण दर्ज किया है, यदि ऐसा रहा तो नई शिक्षा नीति को लागू करना मुश्किल होगा. 


3 महीने के भीतर सभी मदरसों की जानकारी एकत्रित करें- संसदीय समिति


संसदीय समिति ने मंत्रालय से यह सिफारिश की थी कि मंत्रालय तीन महीने के भीतर सूचना इकट्ठा कर ले जिससे सभी मदरसे योजना के तहत सुविधाओं का लाभ उठा सकें. इसके अलावा समिति ने मंत्रालय से यह भी सिफारिश की कि मंत्रालय सभी राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी करे कि वे तीन महीने में मान्यता प्राप्त या गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के बारे में जानकारी इकट्ठा करके रिपोर्ट तैयार कर दे जिसमें उनके बुनियादी ढांचे, शिक्षक और छात्र शामिल हों, ताकि सभी मदरसों को योजना के तहत उपलब्ध सुविधाएं मिल सकें.


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