नयी दिल्ली: सरकार राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिये संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में फिर बिल पेश करेगी. शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने बताया कि यह कदम राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को अन्य पिछड़ा वर्ग के हितों की रक्षा के लिये पूर्ण अधिकार देने में मददगार साबित होगा.
एक अधिकारी ने बताया, "सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये समानता और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है और संसद के आगामी सत्र में बिल लाने का निर्णय किया है." इस बिल को ओबीसी समुदाय के मतदाताओं पर पकड़ मजबूत बनाने के लिए बीजेपी के कदम के रूप में देखा जा रहा है.
अधिकारियों ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के हितों की रक्षा के लिए सरकार ने पहले ही एक बिल पेश किया था. लेकिन पुराना बिल लोकसभा और राज्यसभा दोनो से अलग-अलग प्रारुप में पास हुआ था. पिछला बिल लोकसभा से तो अपने मूल रूप में पास हो गया था लेकिन राज्यसभा में कुछ संशोधन के साथ पारित हुआ था. इसलिए अब सरकार फिर से इस बिल को लोकसभा में पेश करेगी.