नई दिल्ली: सरकार नई तकनीक और उद्योग के घटनाक्रमों की जरुरतों पर ध्यान देने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम को नया रूप देने की योजना बना रही है. सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी. इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सचिव अजय प्रकाश साहनी ने कहा कि सरकार का ध्यान पहले निजी डेटा सुरक्षा (पीडीपी) विधेयक लाना है.


सचिव ने उद्योग के एक कार्यक्रम में कहा, 'आईटी अधिनियम को नया रूप देने की जरूरत है. अधिनियम 2000 में लागू हुआ और आखिरी बार इसमें 2008 में संशोधन किया गया.' साहनी ने कहा कि आईटी अधिनियम की समीक्षा करने की जरूरत है क्योंकि इस समय कई मुद्दों में काफी बदलाव आ गया है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया मंचों के लिए बनाए गए नए आईटी नियमों से उपयोगकर्ताओं के अधिकारों को मजबूती मिली है.


कामकाज के नए तौर तरीके


सचिव ने कहा, 'हमारा जिन कंपनियों से लेना देना है, उनका आकार काफी बढ़ गया है. कामकाज के पूरी तरह से नए तौर तरीके आ गए हैं और दुनिया भर में इस क्षेत्र में काफी नवोन्मेष हो रहा है. हमारे सामने मौजूद अगली बड़ी चीज पीडीपी विधेयक है. हमें उम्मीद है कि हम इसे जल्द से जल्द ले आएंगे. उम्मीद है कि अगले सत्र में अगर हमें संसद की संयुक्त समिति से रिपोर्ट मिल गयी तो हम संसद में तेजी से प्रक्रिया पूरी होने पर जोर देंगे.'


बता दें कि संसद की संयुक्त समिति पीडीपी विधेयक की जांच परख कर रही है. बजट सत्र में समिति को चौथी बार विस्तार दिया गया और इसे संसद के मानसून सत्र में पेश करने को कहा गया.


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