रायपुर: छत्तीसगढ़ के सुकमा में सीआरपीएफ के जवानों पर हुए दर्दनाक नक्सली हमले पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे. केंद्रीय गृहमंत्री ने आगे कहा कि वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ रणनीति की समीक्षा की जाएगी और जरूरत पड़ने पर उसमें संशोधन भी किया जाएगा.


सिंह ने आज रायपुर के माना स्थित छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के चौथी वाहिनी के मुख्यालय में सुकमा हमले में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. यहां गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री रमन सिंह और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली.


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राजनाथ सिंह ने कहा कि सीआरपीएफ के बहादुर जवानों का यह बलिदान किसी भी सूरत में व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा. इसे चुनौती के रूप में स्वीकार किया है. इसलिए यह भी फैसला किया गया है कि वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ रणनीति की समीक्षा की जाएगी और जरूरत पड़ने पर इसमें संशोधन भी किया जाएगा. इसके लिए आठ मई को दिल्ली में बैठक बुलाई गई है. इसमें कई राज्यों के अधिकारी शामिल होंगे.


केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि सुकमा में वामपंथी उग्रवादियों द्वारा किया गया यह हमला बेहद कायरतापूर्ण और दुर्भाग्यपूर्ण है. मै मानता हूं कि वामपंथी उग्रवादियों द्वारा किया गया यह क्रूरतम संहार है.


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उन्होंने कहा कि आदिवासियों को अपनी ढाल बनाकर विकास के खिलाफ अभियान छेड़ने की कोशिश उनके द्वारा की जा रही है. लेकिन हम दृढ़ता के साथ कहना चाहेंगे कि इसमे वह किसी भी सूरत में कामयाब नहीं होंगे.


सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार साथ मिलकर कार्रवाई करेंगी, और अब तक जो कार्रवाई की जा रही है, उसके कारण उनके अंदर जो बौखलाहट है उसी का यह परिणाम है. उनके द्वारा यह कार्रवाई हताशा में की गई है.


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गृहमंत्री ने कहा कि बरबार वामपंथी उग्रवादियों द्वारा विकास कार्यों को रोके जाने की कोशिश की जा रही है. सच्चाई है कि वह कभी नहीं चाहते हैं कि जो आदिवासी क्षेत्र हैं या गरीब क्षेत्र हैं उनका विकास हो. आदिवासियों और गरीबों के सबसे बड़े दुश्मन वामपंथी उग्रवादी ही हैं.


उन्होंने कहा कि इस घटना में 25 जवानों की जानें गई है और सात घायल हुए हैं. जिन बहादुर जवानों ने बलिदान दिया है उनके प्रति वह ध्दांजलि अर्पित करते हैं और उनके परिवार के सदस्यों के प्रति संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करते हैं.