श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बल तालिबान की जीत से उत्पन किसी भी खतरे से निपटने के लिए तयार है. जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिरीक्षक विजय कुमार ने शनिवार को कहा कि पुलिस और सुरक्षा बल हर तरह के हालात से निपटने के लिए सक्षम है.  


अवंतीपोर में एक संयुक्त प्रेस वार्ता में बोलते हुए आईजी विजय कुमार ने कहा कि अफगानिस्तान में बदले हालात के बारे में सरकार बात कर सकती है. लेकिन एक सुरक्षा कर्मी के तौर पर वह हर तरह के हालात (जिनमें तालिबानी आतंकियों कि घुसपैठ के खतरा भी शामिल है) से निपटने के लिए तयार है. 


उन्होंने कहा, जहां तक तालिबान का सवाल है. "मैं बात नहीं करूंगा और जो बोलने के लिए अधिकृत हैं वे बात करेंगे. हालांकि, एक पुलिस अधिकारी के रूप में, यदि कोई (आतंकवादी) यहां आता है, तो मेरा काम सूचना एकत्र करना और खतरे को बेअसर करने के लिए सेना के साथ ऑपरेशन शुरू करना है. भविष्य की कोई भी चुनौती पेशेवर तरीके से निपटेगी. हम पूरी तरह सतर्क हैं." 


जम्मू कश्मीर में आतंकियों की बदली रणनीति और तालिबानी खतरे से लोगों को चेताते हुए विजय कुमार ने कहा कि अगर कोई तत्व, कोई (आतंकवादी), आत्मघाती हमलावर आदि कुछ भी योजना बनाता है, तो हम स्थानीय लोगों से जानकारी की तलाश करेंगे. यदि कोई घटना होती है, तो स्थानीय लोग प्रभावित होंगे. क्योंकि पर्यटक यहां आने से डरेंगे. किसकी अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी? यह स्थानीय होगा और इसलिए मैं स्थानीय लोगों को सुरक्षा बलों की मदद करनी चाहिए. 


आत्मघाती बम धमाकों को नाकाम करने की कोशिशों के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पुलिस और सुरक्षा बल लगातार मेहनत करते रहेंगे और युवाओं को प्रेरित करने की कोशिशों को नाकाम करेंगे. 


कुलगाम के पास जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर एक मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादी, उस्मान भाई से आरपीजी लॉन्चर की बरामदगी के रूप में आतंकवादियों द्वारा परिष्कृत हथियारों के उपयोग के बारे में पूछे जाने पर, अधिकारी ने कहा, “कोई रिपोर्ट नहीं है. भीतरी इलाकों में ऐसे हथियारों के बारे में. पिछली बार एक मुठभेड़ स्थल से पिका गन बरामद की गई थी. यदि ऐसे हथियार वन क्षेत्र में हैं तो हम सूचना एकत्र करने को सक्रिय कर रहे हैं. हम सतर्क हैं. साथ ही घुसपैठ रोधी ग्रिड को भी सक्रिय कर दिया गया है. 


त्राल के ऊपरी इलाकों में हुई मुठभेड़ के बारे में ब्योरा देते हुए दक्षिण कश्मीर स्थित सेना की विक्टर फोर्स के प्रमुख मेजर जनरल रिषम बाली ने कहा कि मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए जिनमें से एक वकील शाह था, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह इस साल 2 जून को त्राल में भाजपा नेता राकेश पंडित की हत्या में शामिल था. 


सुरक्षा बलों के अनुसार नागरिक और राजनेताओं की हत्या करने के बाद आतंकवादी जंगलों में शरण लेते हैं और इसीलिए पुलिस और सेना वन क्षेत्र में भी मानव खुफिया जानकारी को सक्रिय कर रही है और आतंकवादियों को न केवल भीतरी इलाकों में बल्कि जंगल में भी पकड़ा जा रहा है. 


जीओसी विक्टर फोर्स ने कहा कि त्राल ऑपरेशन मुश्किल था और बलों ने आतंकवादियों को निशाना बनाकर उन्हें करीब से निशाना बनाया. उन्होंने कहा कि उनके पास से दो एके-47 राइफल, एक एसएलआर और अन्य जंगी सामान बरामद किए गए हैं. सेना ने एक बयान में कहा कि इसी इलाके में इसी साल 31 जुलाई को पुलवामा हमले में शामिल सैफुल्ला उर्फ लंबू भी मारा गया था.