जम्मू कश्मीर: 15 अगस्त के बाद तीन बड़े फैसले ले सकती है सरकार, फिदायीन हमलों के मद्देनजर बढ़ाई जाएगी सुरक्षा- सूत्र
सूत्रों के मुताबिक सीआरपीएफ घाटी में कानून व्यवस्था और आंतकवाद निरोधक ऑपरेशन करेगी. दूसरा सीआरपीएफ को घाटी में महत्वपूर्ण संस्थानो की सुरक्षा से हटाया जायेगा, इन संस्थानों की सुरक्षा बीएसएफ और अन्य सुरक्षा बल करेंगे. इसके साथ ही राज्य चुनाव में ब्लॉक चुनाव कराना भी शामिल है.
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों के 28 हजार जवानों के भेजे जाने की खबरों के बीच एक और बड़ी खबर सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक स्वतंत्रता दिवस के बाद जम्मू कश्मीर पर सरकार तीन बड़े फैसले लेगी. सूत्रों के मुताबिक सीआरपीएफ घाटी में कानून व्यवस्था और आंतकवाद निरोधक ऑपरेशन करेगी. दूसरा सीआरपीएफ को घाटी में महत्वपूर्ण संस्थानो की सुरक्षा से हटाया जायेगा, इन संस्थानों की सुरक्षा बीएसएफ और अन्य सुरक्षा बल करेंगे. इसके साथ ही राज्य चुनाव में ब्लॉक चुनाव कराना भी शामिल है.
इसके साथ ही सरकार ने जम्मू कश्मीर में चरणवार सुरक्षाबल बढ़ाए जाने की कवायद शुरू कर दी है. सुप्रीम कोर्ट में 35 ए की सुनवाई के मद्देनजर सुरक्षाबलों को घाटी में भेजा जा रहा है. फिदायीन हमले की आशंका लेकर भी कश्मीर में सुरक्षा बढ़ाई गई है, जानकारी के मुताबिक कश्मीर में विकास को देखते हुए आतंकवादी फिदायीन हमले पर जोर दे सकते हैं. सरकार की योजना के मुताबिक जम्मू कश्मीर में जरूरत के हिसाब से भेजे सुरक्षाबलों को भेजा जाएगा.
केंद्रीय सुरक्षाबल के 28 हजार जवान पहुंचे, श्रीनगर के सभी मुख्य नाकों पर तैनाती कश्मीर में केंद्रीय सुरक्षा बलों की 280 कंपनियां यानी अट्ठाइस हजार जवानों की तैनाती हो रही है. बता दें कि इससे पहले दस हजार जवानों की तैनाती की खबर आई थी. खबर है कि कश्मीर में हर अहम जगह पर केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों की तैनाती हो रही है. श्रीनगर शहर के हर एंट्री प्वाइंट पर केंद्रीय सुरक्षाबलों के जवानों को तैनात किया गया है और स्थानीय पुलिस की तैनाती कम दिख रही है. इससे पहले जब दस हजार जवानों की तैनाती की बात सामने आई थी तब खुफिया सूत्रों के हवाले से ये खबर आई थी कि आने वाले दिनों में आतंकवादी कश्मीर में किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक आतंकवादी 15 अगस्त और अमरनाथ यात्रा को निशाना बना सकते हैं.
सुरक्षा बढ़ाने को आर्टिकल 370 और 35a से जोड़ा गया सरकार की ओर से कश्मीर में सुरक्षा इंतजामों का हवाला दिया जा रहा था लेकिन अफवाह ये उड़ाई गई कि कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35a को खत्म करने की तैयारी हो रही है. इसी को लेकर विरोधी बीजेपी पर बरसने भी लगे. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि 35ए के साथ छेड़छाड़ करना बारूद को हाथ लगाने के बराबर होगा. उन्होंने कहा कि कहा कि जो हाथ 35ए के साथ छेड़छाड़ करने के लिए उठेंगे, वो हाथ ही नहीं वो सारा जिस्म जल कर खाक हो जाएगा.
वहीं जम्मू कश्मीर के एक और पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अधयक्ष फारुख अब्दुल्ला ने कहा, ''आर्टिकल 35ए और आर्टिकल 370 को नहीं हटाया जाना चाहिए. इसकी वजह से हमारी फाउंडेशन स्थापित हुई है. इसे हटाए जाने की कोई जरुरत नहीं है. हम हिंदुस्तानी हैं, लेकिन हमारे लिए ये धाराएं काफी महत्वपूर्ण हैं.' दोनों नेताओं के बयान से आफ है कि घाटी में आर्टिकल 370 और 35a को लेकर संवेदनशील माहौल है लेकिन इस बीच 28 हजार जवानों की तैनाती के बाद एक बार फिर कश्मीर को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है