मुंबईः कोरोना के इलाज को लेकर लोगों के बीच रोजाना नए-नए मिथ गढ़े जा रहे हैं. सरकार की कोशिश है कि इस तरह के अफवाहों पर काबू किया जाए और लोगों को जागरुक करते हुए यह बताया जाए कि कोरोना संक्रमित लोग क्या करें, क्या न करें और किन-किन दवाईयों का इस्तेमाल करें. हाल ही में सरकार ने कोरोना के इलाज के लिए नया प्रिस्क्रिप्शन जारी किया है और बताया है कि कोरोना के दौरान किन-किन दवाईयों का इस्तेमाल न करें.


कोरोना के इलाज के लिए जिन दवाओं का नाम स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) की वेबसाइट पर डाले गए हैं उसमें अप्रैल में भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली दवा, एंटीवायरल फेविपिराविर को शामिल नहीं किया गया है.


सेमेडिसविर का इस्तेमाल वरिष्ठ चिकित्सक के सलाह के बाद ही करें


वहीं डीजीएचएस के मुताबिक एंटीवायरल रेमेडिसविर को सीमित उपयोग करने के लिए कहा गया है. रेमेडिसविर को लेकर कहा गया है कि इसका इस्तेमाल केवल वरिष्ठ चिकित्सक के सलाह के बाद ही करें क्योंकि यह "नुकसान की क्षमता वाली प्रायोगिक दवा" है.


कोरोना मरीजों के लिए जारी गाइडलाइंस के मुताबिक अब कोई एंटीबायोटिक नहीं लेना है. मरीजों को विटामिन या जिंक की गोली नहीं लेनी है. मरीजों को सलाह दिया गया है कि आइवरमेक्टिन का इस्तेमाल नहीं करना है. वहीं बुखार आने पर केवल पेरासिटामोल का इस्तेमाल करें.


6 मिनट वॉक टेस्ट


सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना मरीजों के लिए 6 मिनट वॉक टेस्ट की बात कही गई है. वहीं मरीजों को बेवजह सीटी स्कैन न करवाने को कहा गया है. गाइडलाइन में डॉक्टरों से भी कहा गया है कि वो इस प्रकार की राय न दें.


बता दें कि कुछ दिन पहले ही प्लाज्मा थैरेपी को सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी किया गया था. इस गाइडलाइन में प्लाज्मा थैरेपी को कोविड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल से हटा दिया गया था.


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