Arif Mohammed Khan: केरल के निवर्तमान राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान रविवार (29 दिसंबर) को तिरुवनंतपुरम से रवाना हुए. यह एक ऐसी विदाई थी, जिसमें न कोई समारोह हुआ और न ही औपचारिकता. उल्लेखनीय है कि राज्य पहले ही शोकमग्न था, क्योंकि पूरे देश में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के कारण राजकीय शोक चल रहा है. इसलिए केरल के राजभवन में न कोई चुने हुए जनप्रतिनिधि आए, न ही किसी उच्च अधिकारी ने उन्हें विदाई दी.
प्रोटोकॉल के तहत दो अधिकारी थे मौजूद
केरल के निवर्तमान राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के राज्य से विदाई के दौरान केवल मुख्य सचिव शारदा मुरलीधरन और जिला कलेक्टर ने उन्हें प्रोटोकॉल के तहत उन्हें संक्षिप्त रूप से भेंट दी और स्मृति चिन्ह भी सौंपा. हालांकि, राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच पिछले पांच वर्षों के तनावपूर्ण संबंधों को देखते हुए ऐसी विदाई कोई हैरानी की बात नहीं थी.
SFI ने राज्यपाल की विदाई के दौरान किया विरोध
वहीं, स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के सदस्यों ने आरिफ मोहम्मद खान की विदाई को भी शांतिपूर्ण नहीं होने दिया. छात्र संघ के सदस्य पिछले तीन-चार वर्षों से राज्यपाल के विश्वविद्यालय के मामलों में कथित हस्तक्षेप के खिलाफ विरोध कर रहे थे. जैसे ही निवर्तमान राज्यपाल का काफिला एयरपोर्ट की ओर बढ़ा, वैसे ही एसएफआई ने सदस्य रास्ते में जमा हो गए और नारों के साथ विरोध किया. वहीं, दूसरी ओर एयरपोर्ट पर आरिफ मोहम्मद खान ने पत्रकारों से बातचीत की. केरल में अपने कार्यकाल पर विचार करते हुए खान ने कहा कि केरल के साथ उनका संबंध जीवनभर बना रहेगा.
'मुझे केरल बहुत पसंद'
आरिफ मोहम्मद खान ने मलयालम में अपना संबोधन देते हुए कहा, “केरल मे मेरा कार्यकाल समाप्त हो गया है लेकिन केरल अब मेरे दिल में एक बहुत खास जगह रखता है और मेरा यह संबंध, केरल के साथ मेरा जुड़ाव कभी खत्म नहीं होगा. यह अब एक जीवनभर का बंधन बन चुका है.”
खान ने विदाई न होने पर दी अपनी प्रतिक्रिया
उनसे राज्य छोड़ते समय आधिकारिक विदाई नहीं होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर राष्ट्रीय शोक से जोड़ा. उन्होंने कहा, "यह ऐसे समारोह के आयोजन के लिए सही समय नहीं था."
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