नई दिल्ली: महाराष्ट्र के सियासी ड्रामे का दी एंड होते ही, शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र की राजनीति के हीरो बनकर उभर हैं. शिवसेना विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही सीएम पद की मांग कर रही थी. जिसे उद्धव ठाकरे ने साकार कर दिया है. कांग्रेस, एनसीपी और शिवनसेना गठबंधन ने उन्हें अपना नेता चुना है. कल शाम पौने 7 बजे, शिवाजी पार्क में वो सीएम पद की शपथ लेंगे.
20 साल बाद शिवसेना का सीएम बनाने में सबसे अहम भूमिका एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने निभाई. उनकी रणनीति के आगे बीजेपी का दांवपेच ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाया. 80 घंटे में सीएम पद की शपथ लेने वाले देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. 5 साल तक महाराष्ट्र के सीएम रहे फडणवीस अब विपक्ष में आ गये हैं.
28 नवंबर को सीएम पद की शपथ लेंगे उद्धव ठाकरे, पहले 1 दिसंबर को होना था समारोह
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे 28 नवंबर को ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. 28 नवंबर को शाम पांच बजे से शपथ ग्रहण का ये समारोह शुरू हो जाएगा. शिवसेना के नेता चाहते हैं कि 28 नवंबर को ही शपथ हो. मुंबई के शिवाजी पार्क में ये कार्यक्रम होगा. इससे पहले ये खबर आई थी कि वे कल यानी बुधवार को ही शपथ ले सकते हैं. इसके बाद दिसंबर में शपथ ग्रहण की बात सामने आई और कहा गया कि वे 1 दिसंबर को शपथ लेंगे.
मुंबई के होटल ट्राइडेंट में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की संयुक्त बैठक में उद्धव ठाकरे को गठबंधन का नेता चुना गया. तीनों पार्टियों के गठबंधन को महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के नाम से जाना जाएगा. एनसीपी विधायक दल के नेता जयंत पाटिल, कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट और शिवसेना विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल से मुलाकात की. इसके बाद उद्धव ठाकरे अपने घर मातोश्री पहुंचे और अपने पिता बाला साहेब ठाकरे की तस्वीर के आगे सिर झुकाकर आशीर्वाद लिया.
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राज्यपाल ने आज बुलाया विधानसभा का विशेष सत्र
देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे के बाद कल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कालिदास कोलंबकर को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया और राजभवन में शपथ दिलाई. इसके साथ ही राज्यपाल ने आज सुबह आठ बजे विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. इसमें महाराष्ट्र के सभी नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलायी जाएगी.
भावी सीएम बनने के बाद क्या बोले उद्धव ठाकरे?
महाराष्ट्र विकास अघाड़ी का नेता चुने जाने के बाद उद्धव ठाकरे ने विधायकों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हम एक परिवार की तरह काम करेंगे. उन्होंने कहा, ‘’कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा समय आएगा. सोनिया गांधी का धन्यवाद. एक दूसरे पर विश्वास कर हम एक साथ आएं हैं. तीस साल जिसके साथ हमने दोस्ती निभाई उन्होंने हम पर विश्वास नहीं रखा. संघर्ष के दिनों में बाला साहेब की याद आती है. कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि सीएम बनूंगा. आज अगर बाला साहेब होते तो खुश होते. इस सरकार में बहुत से लोग अनुभवी हैं. ये आम लोगों की सरकार है. हम सब परिवार की तरह काम करेंगे. आप सब सीएम हैं.’’
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80 घंटे में कैसे गिर गई देवेंद्र सरकार?
शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने राज्य के डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने 23 नवंबर को बीजेपी को समर्थन दे दिया था. जिसके बाद उसी दिन देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. लेकिन करीब 80 घंटों के भीतर ही फडणवीस की सरकार गिर गई. अजित पवार के इस्तीफे के बाद देवेंद्र फडणवीस ने भी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को अपना इस्तीफा सौंप दिया. फडणवीस ने शिवसेना पर मौकापरस्ती सऔर हॉर्सट्रेडिंग करने के आरोप भी लगाए.