पश्चिम बंगाल: राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा- नेताजी के योगदान को याद करने के लिए मनाया जा रहा पराक्रम दिवस
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 125वीं जयंती है. इस मौके पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि “बहुत सोच-विचार के बाद 23 जनवरी को 'पराक्रम दिवस' के रूप में नामित किया गया था. यह नेताजी की वीरता के साथ ही यह दर्शाता है कि उन्होंने राष्ट्र को कैसे एकजुट किया.
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 125वीं जयंती मनाई जा रही है. केंद्र सरकार के ऐलान के बाद नेताजी की जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया जा रहा है. इस अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि 23 जनवरी को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय नेताजी की अदम्य भावना और राष्ट्र के लिए नि:स्वार्थ सेवा को याद करने के लिए लिया गया है. राज्यपाल ने इस मौके पर निष्पक्ष चुनाव करवाने का दावा भी किया.
नेताजी की वीरता को दर्शाता है 'पराक्रम दिवस'
उन्होंने कहा कि, “बहुत सोच-विचार के बाद 23 जनवरी को 'पराक्रम दिवस' के रूप में नामित किया गया था, यह नेताजी की वीरता के साथ ही यह दर्शाता है कि उन्होंने राष्ट्र को कैसे एकजुट किया. हर कदम पर असहमति व्यक्त करना और सहकारी संघवाद के खिलाफ जाना अच्छा नहीं है.”
राज्य में निष्पक्ष और हिंसामुक्त कराए जाएंगे चुनाव
वही आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राज्यपाल ने कहा कि, “ मैं पश्चिम बंगाल के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि राज्य में निष्पक्ष और हिंसा मुक्त विधानसभा चुनाव सुनिश्चित करने के लिए हर कदम उठाया जाएगा.”
The decision to celebrate 23rd January as 'Parakram Diwas' taken to honour and remember Netaji's indomitable spirit and selfless service to the nation: Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar, in Kolkata pic.twitter.com/2Vt3NCX65w
— ANI (@ANI) January 23, 2021
कोलकाता में आज राजनीतिक हलचल जोरों पर
सुभाष चंद्र बोस के 125वीं जयंती के अवसर पर आज कोलकाता में राजनीतिक हलचल जोर शोर पर है. जहां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज इस अवसर पर कोलकाता में पदयात्रा करने जा रही हैं तो, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित ‘‘पराक्रम दिवस’’ समारोह को संबोधित करेंगे. पश्चिम बंगाल में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं.लिहाज़ा दोनो राजनीतिक पार्टियां पूरा तैयारी के साथ मैदान में हैं.
बंगाल चुनाव के लिहाज से अहम है नेताजी की 125वीं जयंती
नेताजी की 125वीं जयंती टीएमसी और बीजेपी दोनो ही पार्टियों के लिए काफी अहम है. दरअसल बीजेपी बंगाली अस्मिता के साथ खुद को जोड़ने की कोशिश में है, वहीं टीएमसी बंगाली संस्कृति के रक्षक के तौर पर खुद को साबित करना चाहती है.दोपहर 12.15 बजे ही नेताजी का जन्म हुआ था, इसलिए ममता बनर्जी दोपहर 12.15 बजे शंखनाद करके पद यात्रा शुरू करेंगी. इस पद यात्रा में ममता के साथ पार्टी के बड़े नेता और समाज के प्रतिष्ठित लोग भी मौजूद रहेंगे. इससे इलावा ममता ने पूरे पश्चिम बंगाल के लोगो से अनुरोध किया है कि नेता जी के सम्मान में लोग अपने घर में दोपहर 12.15 बजे शंख बजाएं.
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