जयपुर: राजस्थान में सियासी संकट खत्म होने का नाम ही ले रहा है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने तीसरी बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. इसके बाद मुख्यमंत्री एक बार फिर राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे. राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात से पहले गहलोत ने कहा कि राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने का प्रस्ताव तीसरी बार खारिज कर दिया है. आखिर वह क्या चाहते हैं. यह जानने के लिए मैं उनसे मिलने जा रहा हूं.


राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि वह कोरोना वायरस को लेकर भयावह स्थिति और बढ़ते मामलों को लेकर चिंतित हैं. उन्होंने कहा, ''जब 13 मार्च को विधानसभा सत्र रद्द किया गया था, तब राज्य में कोरोना के सिर्फ दो ही केस थे. उस समय कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सत्र को रद्द किया गया था.''


उन्होंने आगे कहा कि 01 जुलाई को 3,381 केस थे. अब इनकी संख्या 10 हजार से ज्यादा है. वायरस का प्रसार एक चिंता का विषय है और लोगों को महामारी से बचाने के लिए राज्य को कुछ सख्त कदम लेने पड़ेंगे.''


31 जुलाई से विधानसभा सत्र बुलाना चाहते थे सीएम अशोक गहलोत
अशोक गहलोत सरकार 31 जुलाई से विधानसभा सत्र बुलाना चाहती थी. इसके लिए कल गहलोत सरकार ने राज्यपाल कलराज मिश्र को प्रस्ताव भेजा था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्यपाल की तरफ से मांगे गये स्पष्टीकरण पर चर्चा की गई थी, जिसके बाद प्रस्ताव राज्यपाल को भेज गया था. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, गहलोत सरकार ने प्रस्ताव में इस बात का उल्लेख नहीं किया था कि वो विधानसभा सत्र में विश्वास मत प्राप्त करना चाहती है. हालांकि, प्रस्ताव में राज्यपाल की तरफ से मांगे गए तीन स्पष्टीकरण का जिक्र ज़रूर था.


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