असम सरकार अगले विधानसभा सत्र में गौ संरक्षण विधेयक पेश करने पर विचार कर रही है. शनिवार को राज्यपाल जगदीश मुखी ने नए मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा की अगुवाई में चुनी गयी भाजपा सरकार के पहले विधानसभा सत्र को संबोधित करते हुए ये बात कही. राज्यपाल ने अपने पारंपरिक भाषण में कहा कि लोग गाय को पवित्र जानवर मानते हुए उनका सम्मान और पूजा करते हैं. इस विधेयक का मकसद राज्य के बाहर गाय को ट्रान्स्पोर्ट करने पर रोक लगाने के साथ साथ उसके संरक्षण के अन्य सभी जरूरी नियमों को लागू करना है. 


राज्यपाल जगदीश मुखी ने सदन को बताया, "हम सभी गाय का सम्मान और उसकी पूजा करते हैं. गाय पौष्टिक दूध प्रदान करके हमारा पालन-पोषण करती हैं यहीं वजह है कि इसे एक पवित्र जानवर माना जाता है. मुझे ये बताते खुशी हो रही है कि राज्य सरकार अगले विधानसभा सत्र में गौ रक्षा विधेयक पेश करने की योजना बना रही है.."


जीरो टॉलरेंस नीति अपनाएगी सरकार 


राज्यपाल जगदीश मुखी ने कहा, "इस बिल का मकसद राज्य के बाहर गाय के ट्रांस्पोर्ट पर पूरी तरह प्रतिबंध लगना है. राज्य सरकार गायों की रक्षा के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगी और असम के बाहर मवेशियों को ले जाते हुए पाए जाने वालों को कड़ी सजा दी जाएगी. विधानसभा में इस विधेयक के पारित हो जाने के बाद, असम देश के ऐसे उन राज्यों में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने इस कानून को पारित किया हुआ है."


बता दें कि बांग्लादेश में गायों और अन्य मवेशियों की खूब तस्करी की जाती है, जिसे रोकने के लिए असम सरकार ये नया विधेयक लाने की तैयारी में है. असम से सटे अन्य राज्यों से भी बांग्लादेश में मवेशियों की तस्करी होती है, जिनकी सीमाएं पड़ोसी देश से लगती हैं. 


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