क्या इस वजह से महाराष्ट्र सरकार ने राज्यपाल कोश्यारी को सरकारी विमान में उड़ने से रोका?
महाराष्ट्र सरकार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को विमान के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी है. लगभग आधे घंटे तक राज्यपाल ने इंतजार किया, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. इस पूरे मामले को लेकर विवाद शुरू हो गया है. बीजेपी इसे बदले की कार्रवाई बता रही है तो शिवसेना का कहना है कि इसके पीछे कोई राजनीति नहीं है.
नई दिल्ली: एक राज्य का गवर्नर सरकारी प्लेन में बैठे और राज्य का CM विमान को उड़ने ना दे तो सियासी घमासान तो तय है ही. महाराष्ट्र में यही हुआ है, इसको लेकर खूब सियासी बवाल भी मचा हुआ है. गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी को उत्तराखंड जाना था लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने इजाजत नहीं दी. इसे लेकर अब बीजेपी और शिवसेना आमने सामने हैं. वहीं इस मामले के पीछे राजनीतिक कारण भी ढूंढे जा रहे हैं.
क्या है पूरा मामला? दरअसल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को उत्तराखंड के मसूरी में एक कार्यक्रम में शामिल होना था. इसके लिए राज्यपाल मुंबई एयरपोर्ट पर सरकारी प्लेन का इस्तेमाल करने के लिए पहुंचे. लेकिन पता चला कि महाराष्ट्र सरकार की तरफ से राज्यपाल को सरकारी प्लेन के इस्तेमाल की इजाजत नहीं मिली है.
सरकार के इजाजत ना मिलने के बाद बाद राज्यपाल ने सामान्य प्रशासन विभाग से संपर्क करने की कोशिश की. लेकिन राज्यपाल को आंधे घंटे तक कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी निजी फ्लाइट से मसूरी पहुंचे.
राज्यपाल ने पूछा- IAS अधिकारियों का कार्यक्रम निजी यात्रा कैसे? जब भगत सिंह कोश्यारी से इस बारे में पूछा गया तो गर्वनर ने बस इतना कहा कि इसमें कोई दिक्कत की बात नहीं. वहीं गुरुवार को एक वीडियो सामने आया, जिसमें कोश्यारी देहरादून में यह कहते सुने गए कि कुछ कारणों से सरकारी विमान नहीं मिला, इसलिए अन्य उड़ान से आया. यह पूछे जाने पर कि क्या निजी यात्रा होने के चलते अनुमति प्रदान नहीं की गई, राज्यपाल ने कहा कि आईएएस अधिकारियों से संबंधित कार्यक्रम निजी यात्रा कैसे हो सकती है?
बीजेपी ने बताया बदले की कार्रवाई, शिवसेना बोली- कोई राजनीति नहीं बीजेपी इसको बदले की कार्रवाई और राज्यपाल की गरिमा का हनन बताते हुए महाराष्ट्र सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है. भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि राज्य सरकार को राज्यपाल का ‘अपमान’ करने के लिए माफी मांगनी चाहिए. भाजपा नेता देवेंद्र फड़णवीस ने इसके लिए राज्य सरकार की आलोचना की. उन्होंने शिवसेना नीत गठबंधन सरकार पर आरोप लगाया कि वह ‘‘अहंकारी’’ है और ‘‘बचकानी हरकतें’’ कर रही है.
वहीं शिवसेना का कहना है कि इसके पीछे किसी तरह कोई राजनीति नहीं है. शिवसेवा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि राज्यपाल साहब को किसी ने उड़ान भरने से नहीं रोका. वे निजी कार्यक्रम में जा रहे थे इसलिए सरकारी विमान की इजाजत कैसे मिल सकती थी. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री खुद कहते हैं कि वीआईपी कल्चर को छोड़ना चाहिए.
वहीं बीजेपी की तरफ से लगाए जा रहे आरोपों पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि बीजेपी शायद खुद अपने प्रधानमंत्री की बात भूल गयी है. बीजेपी विपक्ष का भूमिका जिम्मेदारी से नहीं निभा रही है.
राज्यपाल और महाराष्ट्र सरकार के बीच पहले भी रहा है मनमुटाव राज्यपाल कोश्यारी और ठाकरे सरकार के रिश्ते काफी समय से तल्ख हैं. पिछले साल नवंबर में महराष्ट्र सरकार ने 12 MLC के नामों को मंजूरी के लिए राज्यपाल भवन भेजा था, पर मंजूरी अभी तक नहीं मिली. अब ठाकरे सरकार इस पर कानूनी कदम उठाने की तैयारी में है. इससे पहले भी महाराष्ट्र में मंदिर खोलने के मुद्दे पर राज्यपाल और सीएम ठाकरे एक दूसरे पर तंज कस चुके हैं. जिसको लेकर भी महाराष्ट्र में काफी सियासी बवाल मचा था.
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